पेरिस। जापान के प्रधानमंत्री शिजो आबे ने कहा कि फ्रांस और जापान दक्षिण एशियाई क्षेत्र में‘मुक्त और खुला समुद्री आदेश’का समर्थन करते हैं। आबे ने फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, फ्रांस्वा और मैं इस क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि का समर्थन जारी रखने के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक स्वतंत्र और खुले समुद्री आदेश सुनिश्चित करने के महत्व पर सहमत हुए हैं।
आबे ने मई में पश्चिमी प्रशांत में टिनियन द्वीप के आसपास होने वाले जापान, फ्रांस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका के उपकरणों से जुड़े अलग-अलग नौसैनिक अभ्यासों के महत्व को रेखांकित किया।
ओलांद ने कहा कि फ्रांस ने जापान के शांति बनाए रखने की भूमिका के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की है और दोनों देशों के बीच शक्तियों की क्षमता में सुधार करने के लिए मिलकर काम किया जाएगा।
इस संदेश का लक्ष्य चीन को साधना था जो लगभग सभी दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है और जिसने जलमार्ग में बढ़ती सैन्य उपस्थिति के साथ जापान और पश्चिमी देशों की भचता को बढ़ा दिया है। जापान तीन महीने के इस अभ्यास में अपना सबसे बड़ा युद्धपोत उतारने की योजना बना रहा है।