सिडनी। इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के आचे प्रांत में बुधवार को शक्तिशाली भूकंप के कारण कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और मलबे में दर्जनों लोगों के फंसे होने की आशंका है। राहत और बचाव का काम चल रहा है। भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए पीडी जया के उप जिला प्रमुख सैद मुलयादी ने बताया, अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। मारे गए लोगों में कुछ बच्चे भी हैं। यूएस जिऑलकल सर्वे (स्त्रस्) ने बताया कि छोटे से कस्बे रेउलेउएट के उत्तर में 6.5 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। सुनामी संबंधी कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि भूकंप तडक़े आया और उस समय इस मुस्लिम बहुल इलाके में कुछ लोग नमाज पढऩे की तैयारी कर रहे थे। मुलयादी ने बताया कि मृतकों में 7 बच्चे हैं। बड़ी तादाद में घायल लोग स्थानीय अस्पताल पहुंच रहे हैं। मस्जिदें, मकान और दुकानें भूकंप में ढह गईं। भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए इलाकों की तस्वीरों में बहुत नुकसान हुआ दिखाई दे रहा है। स्थानीय निवासी हस्बी जया (37) ने कहा कि जब भूकंप आया, तब उनका परिवार सो रहा था। उन्होंने कहा, हम तत्काल घर से बाहर भागे। मकान ढह गया। छत से लेकर फर्श तक सब कुछ ढह गया और नष्ट हो गया।
उन्होंने बताया, मैंने चारों ओर देखा। मेरे सभी पड़ोसियों के घर भी पूरी तरह तबाह हो गए थे। स्थानीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि ध्वस्त इमारतों के नीचे फंसे लेागों को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। स्थानीय एजेंसी के प्रमुख पुतेह मनफ ने बतया, कुछ लोग अब भी दुकानों और मकानों में फंसे हुए हैं और हम हाथों के साथ-साथ भारी मशीनों की मदद से उन्हें निकालने की कोशिश कर रहे हैं। भूकंप वैज्ञानिकों ने बताया कि आचे प्रांत के ज्यादातर इलाकों में भूकंप महसूस किया गया। आचे वर्ष 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी में तबाह हो गया था।
मौसम विज्ञान, जलवायु और भूभौतिकी एजेंसी की स्थानीय प्रमुख एरिदावति ने कहा कि भूकंप के बाद कम से कम पांच झटके आए। पहले बताया था कि 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था लेकिन उसने बाद में तीव्रता में संशोधन करके बताया कि भूकंप की तीव्रता 6.5 थी। उसने जान-माल का नुकसान होने की आशंका के लिए येलो अलर्ट जारी किया। उसने कहा, जान-माल का नुकसान होने की आशंका है और इसका प्रभाव अपेक्षाकृत स्थानीय रहने की संभावना है। तटीय कस्बे सिगली में लोग भूकंप से घबरा गए और समुद्र से दूर शरण लेने के लिए अपने घरों से भागने के लिए मजबूर हो गए।