संशोधित ‘मुस्लिम बैन’ ऑर्डर पर ट्रंप की मुहर, इन देशों को नहीं मिलेगा नया वीजा

Samachar Jagat | Tuesday, 07 Mar 2017 09:22:49 AM
Donald Trump privately signs revised travel ban order

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने सोमवार को संशोधित ट्रैवल बैन ऑर्डर पर दस्तखत कर दिए। खास बात यह है कि व्हाइट हाउस ने संशोधित ट्रैवल बैन ऑर्डर में इराक का नाम लिस्ट से हटा दिया है। ट्रंप प्रशासन का ये नया आदेश सूडान, सीरिया, ईरान, लीबिया, सोमालिया और यमन से आनेवालों पर लागू होगा। साथ ही हवाईअड्डों पर पिछली बार की तरह अफरा-तफरी नहीं फैले उसके लिए सभी एजेंसियों को दस दिन का वक्त दिया गया है और ये नया आदेश 16 मार्च से लागू होगा।

इस आदेश के तहत ये प्रतिबंध 90 दिनों तक लागू रहेगा और इस दौरान सूची में शामिल हर देश की तरफ से मुहैया करवाई गई जानकारी की जांच होगी कि वो कितनी पुख्ता हैं। उसके बाद उन देशों को और 50 दिन दिए जाएंगे कि वो जानकारी जुटाने की अपनी प्रक्रिया में बेहतरी लाएं। 27 जनवरी के पहले ट्रैवल बैन लिस्ट में 7 देशों के नाम थे। आपको बता दें कि ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने के साथ ही इराक समेत सात मुस्लिम बहुल देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाते हुए शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन अदालतों ने उसे रोक दिया।

इसे लेकर दुनियाभर के लोगों में काफी गुस्सा भी था।  व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने बताया कि ट्रंप ने बंद कमरे में इस नये आदेश पर हस्ताक्षर किए। नए शासकीय आदेश में सूडान, सीरिया, ईरान, लीबिया, सोमालिया और यमन के लोगों पर 90 दिनों का प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि यह पहले से वैध वीजा प्राप्त लोगों पर लागू नहीं होगा। प्रवक्ता ने बताया कि आदेश के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के पास 27 जनवरी से पहले वैध वीजा था या शासकीय आदेश के लागू होने के दिन वैध वीजा था तो उसे अमेरिका में प्रवेश से नहीं रोका जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रतिबंध की यह अवधि विदेशी नागरिकों द्वारा आतंकवादियों और अपराधियों के घुसपैठ को रोकने के लिए मानदंड तय करने और समुचित समीक्षा करने का वक्त देगी। वहीं, दूसरी ओर न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल का कहना है कि वे ट्रंप के नये आदेश को अदालत में चुनौती देने के लिए तैयार हैं। एरिक शेनिडरमैन ने कहा, व्हाइट हाउस ने भले ही प्रतिबंध में बदलाव किए हों, लेकिन मुसलमानों के प्रति भेदभाव की मंशा स्पष्ट है। यह ना सिर्फ ट्रंप की तानाशाही नीतियों के बीच फंसे परिवारों को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि यह हमारे मूल्यों के खिलाफ है और हमें कम सुरक्षित बनाता है। उन्होंने कहा कि देशभर की अदालतों ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रंप संविधान से ऊपर नहीं हैं।
 



 

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