वाशिंगटन। भारत और अमेरिका के खुशगवार होते रक्षा रिश्तों के बीच पेंटागन ने आज घोषणा की कि निवर्तमान अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर अपनी आखिरी विश्व यात्रा पर अगले हफ्ते भारत आएंगे।
कार्टर आठ दिसंबर को भारत में होंगे। वह जापान, बहरीन, इस्राइल, इटली और ब्रिटेन की यात्रा करेंगे और 16 दिसंबर को अमेरिका लौट जाएंगे। यह पहला मौका है जब किसी निवर्तमान अमेरिकी रक्षामंत्री ने अपनी अंतिम विदेशी यात्राओं में भारत को अपना गंतव्य बनाया है।
पेंटागन ने एक बयान में कहा, ‘वह कार्टर दोनों राष्ट्रों के बीच के सामरिक रिश्तों को आगे बढ़ाने और अपने कार्यकाल के दौरान बढ़े रक्षा सहयोग समेत पिछले दशक के दौरान के रिश्तों में आई गति जारी रखने की कोशिश करेंगे।’ कार्टर अन्य लोगों के अलावा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से भी मुलाकात करेेंगे।
कार्टर की यात्रा से पहले बाखबर सूत्रों ने बताया कि भारत ने नौवहन सुरक्षा को एक अहम प्राथमिकता बनाया है और वह जनरल एटामिक्स से प्रीडेटर ड्रोन की खरीदारी के लिए अमेरिका से बात कर रहा है।
सूत्रों ने रेखांकित किया कि निवर्तमान ओबामा प्रशासन रक्षा के क्षेत्र में भारत के साथ उठाए गए अपने कदमों को ठोस रूप देने की कोशिश कर रहा है और इन प्रयासों को ट्रंप प्रशासन को सौंप रहा है।
सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री की कार्यसूची में भारतीय नौसेना के लिए एम777 और प्रीडेटर गार्डियन शामिल हैं। इस साल के आरंभ में भारत अमेरिका की मदद से एमटीसीआर में शामिल होने में कामयाब रहा। बाद में, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा की और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से गर्मियों में ओवल आफिस में मुलाकात की तो भारत को ‘प्रमुख रक्षा साझेदार’ का भी दर्जा मिला।
बाखबर सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी सरकार के पास इसे प्रदर्शित करने का पहला मौका समुद्री मार्ग निगरानी के क्षेत्र में प्रीडेटर गार्डियन के निर्यात का होगा।
सूत्रों का कहना है कि ओबामा और कार्टर दोनों ही भारत के साथ एक ठोस विरासत के निर्माण के लिए उत्सुक हैं। जनरल एटोमिक्स के अमेरिका एवं अंतरराष्ट्रीय सामरिक विकास के मुख्य कार्यकारी विवेक लाल उन अमेरिकी नेताओं में शामिल हैं जो अमेरिका और भारत के बीच निकटतर रिश्तों की वकालत कर रहे हैं।
उनके नेतृत्व में भारत ने 2009 में बोइंग पी81 वायुयान पाया था और नौवहन सुरक्षा के लिए गार्डियन विमान की आपूर्ति से यह पूरा होगा। ओबामा और मोदी ने बार-बार जोर दिया है कि हिंद महासागर में सहयोग दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की कुंजी है और अपेक्षा की जा रही है कि दोनों पक्ष भारतीय वायुसेना के लिए एवेंजर ड्रोन पर चर्चा करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि भारत को ऐसे 100 से ज्यादा ड्रोन की जरूरत है। गार्डियन और एवेंजर ड्रोन विमानों का संयुक्त मूल्य मेडियम मल्टी-रोल कंबैट एयरक्राफ्ट एमएमआरसीए की आवश्यकताओं के समतुल्य हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में ज्यादातर सेनाएं अपने बजट और प्रयास भविष्य में मानव रहित मंच हासिल करने में लगा रहे हैं। मोदी ने 9 नवंबर को मुबारकबाद देने और दोनों देशों के बीच के मजबूत रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की। माना जाता है कि दोनों नेता दोनों देशों की सामरिक साझेदारी को नई बुलंदी पर ले जाने के लिए उत्सुक हैं।
भारत को उम्मीद है कि ट्रंप दक्षिण एशिया में एक ऐसी रणनीति अपनाएंगे जिसमें भारत को क्षेत्र में वास्तविक तरजीह और केन्द्रीय भूमिका होगी। सूत्र बताते हैं कि ट्रंप ने मोदी और अमेरिका तथा भारत के साथ बृहद द्विपक्षीय सहयोग में रूचि रखने वाले अनेक प्रमुख नेताओं के साथ निजी रिश्ते बानए हैं। -एजेंसी