बीजिंग। चीनी मीडिया ने भारत पर दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव से निपटने के लिए दलाई लामा कार्ड का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है और अरणाचल प्रदेश में ‘विवादित’ क्षेत्र में तिब्बती आध्यात्मिक नेता की मेजबानी करने पर नयी दिल्ली को‘‘गंभीर परिणाम’ की चेतावनी दी है।
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में कहा कि चीन की आपत्तियों के बावजूद भारत आने वाले हफ्तों में चीन-भारत सीमा पर एक विवादित क्षेत्र में दलाई लामा की मेजबानी करेगा। इस टिप्पणी से पहले चीनी विदेश मंत्री ने दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की अनुमति देने के लिए भारत की आलोचना की थी जिसे बीजिंग दक्षिणी तिब्बत होने का दावा करता है।
यात्रा की अनुमति गत साल अक्टूबर में दी गई थी और संभावना है कि दलाई लामा आने वाले हफ्तों में क्षेत्र का दौरा करेंगे। भारतीय अधिकारियों की उन कथित टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कि यह एक धार्मिक यात्रा है और इससे पहले दलाई लामा ऐसी कई यात्राएं कर चुके हैं, लेख में कहा गया है कि अधिकारयिों को इसके परिणाम का एहसास नहीं है।
लेख में कहा गया, ‘‘या तो इन भारतीय अधिकारियों को दलाई लामा की यात्रा के गंभीर परिणाम का एहसास नहीं है या फिर उन्होंने जानबूझकर इसे नजरअंदाज किया है। इसमें कहा गया, ‘‘14 वें दलाई लामा किसी भी तरह से एक आध्यात्मिक नेता नहीं बल्कि एक तिब्बती अलगाववादी हैं।