चीन ने इस साल अपने रक्षा खर्च को करीब सात प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की है। दरअसल दक्षिण चीन सागर विवाद के बीच चीन अपनी नौसेना की ताकत बढ़ाने में जुटा है।
चीनी संसद एनपीसी की प्रवक्ता फू यिंग ने रक्षा खर्च को बढ़ाए जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि चीन का रक्षा खर्च देश के सकल घरेलू उत्पाद का 13 प्रतिशत रहेगा।
दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में चीन के दावों से क्षेत्र में काफी चिंता का माहौल है। पिछले वर्ष चीन ने अपना रक्षा खर्च 7.6 प्रतिशत बढ़ाया था।
चीन की सैन्य ताकत और नौसैनिक मनसूबे इस इलाके के लिए चिंता का विषय हैं क्योंकि सीमाई विवाद के कारण चीन का आक्रामक रुख देखने को मिल रहा है।
मोदी सरकार ने 2017 के रक्षा बजट में 6 फीसदी की बढ़ोतरी की है। भारत का रक्षा बजट उसकी जीडीपी का 1.62 फीसदी है। हालांकि रक्षा मंत्रालय के एक अहम पैनल ने रक्षा खर्च को जीडीपी का 2.5 प्रतिशत तक रखने की सिफारिश की थी।
चीन की अर्थव्यवस्था भारत से पांच गुना बड़ी है। ऐसे में चीन की जीडीपी का 1.3 प्रतिशत हिस्सा भारत की जीड़ीपी के 1.62 फीसदी की कुल रकम की तुलना में बहुत ज्यादा है।