लंदन। ब्रिटेन सरकार बिना संसदीय मंजूरी के आधिकारिक रूप से ब्रैक्जिट कार्यवाही शुरू करने के लिए अनुच्छेद 50 लगाने के अपने अधिकार को मिली कानूनी चुनौती की लड़ाई आज हार गई जो प्रधानमंत्री थेरेसा मे के लिए एक झटका है।
लंदन के हाईकोर्ट के तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों ने व्यवस्था दी कि प्रधानमंत्री मे को लिस्बन संधि के अनुच्छेद 50 लगाने के लिए अपना विशेषाधिकार का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने व्यवस्था दी कि संसद को इस पर मतदान करना ही होगा कि क्या ब्रिटेन यूरोपीय संघ छोडऩे की प्रक्रिया शुरू कर सकता है या नहीं।
इसका बिल्कुल मतलब यह है कि मे हाउस ऑफ कमंस के सांसदों की मंजूरी प्राप्त किए बगैर यूरोपीय संघ से औपचारिक वार्ता शुरू करने के लिए लिस्बन संधि का अनुच्छेद 50 नहीं लगा सकती।
मे ने दलील दी थी कि 23 जून को ब्रैक्जिट के पक्ष में जनमत संग्रह और मंत्रीय अधिकार का मतलब है कि सांसदों को मतदान की जरूरत नहीं है लेकिन अभियानकर्ताओं की दलील थी कि यह असंवैधानिक है।
सरकार ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।