कोलंबो। श्रीलंका की राजधानी में 91 मीटर उंचे कचरे के ढेर में आग लगने और फिर इसके घरों पर गिरने की वजह से चार बच्चों सहित कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। देश के प्रधानमंत्री ने कचरे के ढेर को हटाने में विलंब के लिए मृतकों के परिजन तथा पीडि़तों से माफी मांगी।
पुलिस ने बताया कि राजधानी के नजदीक कोलोन्नवा के मीतोतामुला इलाके में आग लगने और कचरे का ढेर गिरने के बाद 100 से ज्यादा घर पूरी तरह से तबाह हो गए और 600 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों की तरफ जाना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि कल हुई घटना में चार बच्चों सहित कम से कम 17 लोग मारे गए हैं और 14 अन्य घायल हुए हैं।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के निर्देश पर दुर्घटनास्थल से सटी झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों को बचाने के लिए सैकड़ों सैन्यकर्मी तैनात किए गए हैं। देश के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पीडि़तों और मृतकों के परिजनों से सरकार की ओर से आज माफी मांगी। उन्होंने कहा, ‘‘मीतोतामुला स्थित कचरे के ढेर को हटाने की हमारी तमाम योजनाएं थीं, लेकिन हम यह कर पाते, उससे पहले ही हादसा हो गया। हम आपदा के घटित होने से पहले कार्य को अंजाम देने में सरकार की विफलता पर माफी मांगते हैं ।’’ जब कचरे के ढेर में आग लगी और यह दर्जनों घरों पर गिरा तब वहां के निवासी पारंपरिक नववर्ष मना रहे थे।
पुलिस ने बताया कि कुछ लोग अब भी फंसे हो सकते हैं जिन्हें निकालने के लिए सेना के जवानों को लगाया गया है। इसने कहा कि इसके अलावा सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों को आग बुझाने के काम में लगाया गया है। पुलिस ने कहा कि कितना नुकसान हुआ है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। गौरतलब है कि श्रीलंकाई संसद को हाल ही में बताया गया था कि कोलोन्नावा में दो करोड़ 30 लाख टन कचरे का विशाल ढेर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। तकरीबन 800 टन कचरा इसमें रोजाना डाला जा रहा है।
क्षेत्र के लोग कचरे के ढेर को हटाने के लिए लगातार प्रदर्शन करते रहे हैं। संसद में सत्ताधारी पार्टी के स्थानीय सदस्य एस एस मारीक्कर ने कहा, ‘‘यह प्राकृतिक आपदा नहीं है। यह संबंधित आधिकारियों की लापरवाही का अंजाम है।’’ -(एजेंसी)