नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश के व्यापारिक रिश्तों को और मजबूती देते हुए दोनों देशों की विभिन्न कंपनियों तथा संस्थानों ने बिजली, तेल एवं गैस और शिक्षा एवं चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग के 13 समझौतों पर आज हस्ताक्षर किए। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा यहां आयोजित एक बैठक में दोनों देशों की कंपनियों तथा संस्थानों की ओर से इन करारों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें पांच समझौते बिजली क्षेत्र के लिए, चार तेल एवं गैस क्षेत्र के लिए, एक कंटेनर परिवहन के लिए और शेष तीन शिक्षा एवं चिकित्सा क्षेत्र के लिए किए गए हैं।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बैठक में भारतीय उद्योग जगत को अपने देश में निवेश का न्योता देते हुए कहा कि वह भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को अधिक मजबूत करने तथा उन मार्गों को खोलने की इच्छुक हैं, जो 1965 के युद्ध के बाद बंद कर दिए गए थे निवेश को बढावा देने के लिए‘वन स्टॉप सर्विस एक्ट’को अंतिम रुप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, मैं भारतीय कंपनियों का आह्वान करती हूं कि वे बांग्लादेश की बुनियादी परियोजनाओं, बिजली तथा ऊर्जा परियोजनाओं, खाद्य एवं खाद्य प्रसंस्करण, विनिर्माण तथा परिवहन क्षेत्र में संभावित निवेश केे बारे में विचार करें।
बैठक में बिजली क्षेत्र के लिए बांग्लादेश इंडिया फ्रेंडशिप पावर कंपनी लिमिटेड और एग्जिम बैंक ऑफ इंडिया के बीच एक फैसिलिट समझौता हुआ है, जिसके तहत बांग्लादेश के रामपाल में 1,320 मेगावाट की मैत्री पावर परियोजना के लिए एग्जिम बैंक ऋण उपलब्ध कराएगा। रिलायंस पावर ने मेघनाघाट में 718 मेगावाट की एक परियोजना के पहले चरण के लिए बांग्लादेश के बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय के साथ क्रियान्वयन समझौते और बिजली खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के बीच त्रिपुरा से बांग्लादेश को 60 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति के लिए पूरक समझौता हुआ। दोनों पक्षों ने नेपाल से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति के लिए एक सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किया। झारखंड से बांग्लादेश को 1,600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए अदानी पावर (झारखंड) ने बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के साथ क्रियान्वयन समझौता और पावर ग्रिड कंपनी ऑफ बंगलादेश के साथ बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए।