मानसिक स्वास्थ्य की समस्या किसी भी को भी हो सकती है फिर चाहें वो आदमी हो या औरत। लेकिन महिलाओं में ये समस्या थोड़ा ज्यादा हो जाती है क्योंकि भी प्राकृतिक रूप से ही ज्यादा संवेदनशील होती हैं। महिलाएं किस प्रकार की मानसिक समस्याओं से ज्यादा जूझती हैं।
शोध से ये बात साबित हुई है कि महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले तनाव ज्यादा होता है क्योंकि उनका यौन शोषण ज्यादा होता है और उन्हें आघात भी बहुत पहुँचता है। तनाव विकार की वजह से महिलाओं में पैनिक होने की आदत, फोबिया और सेपरेशन तनाव होता है। कई महिलाओं को हारमोन्स में होने वाले परिवर्तन की वजह से भी मानसिक समस्या या मूड उखडऩे की समस्या हो जाती है।
हारमोन्स की वजह से पेट में भी गड़बड़ी पैदा हो जाती है, पीरियड्स के दिनों में, मेनोपॉज के दौरान महिलाओं का व्यवहार बदल जाता है। महिलाओं के शरीर में होने वाले बायोलॉजिकल परिवर्तन, उनके मानसिक बदलाव के लिए जिम्मेदार होते हैं। बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को पोस्टपार्टम डिस्ऑर्डर भी हो जाता है या वो बेवजह ही अपने शरीर को लेकर परेशान रहने लगती है।
रिसर्च के अनुसार, जो महिलाएं तनाव डिस्ऑर्डर से ग्रसित होती हैं उन्हें फालतू की बातों की चिंता होती है, डर लगता है या वो रोती ही रहती हैं। इसके अलावा, महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा खाने का डिस्ऑर्डर भी ज्यादा होता है। हालांकि, उन्हें फिगर और वजन की फिक्र बहुत ज्यादा रहती है लेकिन फिर भी वो हमेशा खाने-पीने की चीजों को देखकर खुद को रोक नहीं पाती है।