बेल का शर्बत सिर्फ स्वाद और गर्मी से राहत के लिए ही नहीं बल्कि कई तरीके से सेहत का भी यह ख्याल रखता है। इसमें अतिसार नाशक गुण होता है। यह भूख को बढ़ाने में पाचक का काम करता है। पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और पेट को भी साफ रखता है।
आयुर्वेद के जानकार पवन कुमार वर्मा बताते हैं कि यह कम ही लोग जानते होंगे कि पके बेल खाने की अपेक्षा कच्चे बेल को पकाकर खाना ज्यादा फायदेमंद है।
क्या हो मात्रा
चूर्ण- 2 से 4 ग्राम पानी के साथ।
क्वाथ-15 से 20 मिलीलीटर
क्या हैं फायदे
बेल के पेड़ के जड़ को पीसकर पीने से स्नायुतंत्र ठीक रहता है।
उल्टी होने पर बेल के पेड़ के मूल को पीसकर पीना चाहिए। इससे वह ठीक हो जाएगा। बेल के फूल को पीसकर पीने से डायरिया या उल्टी ठीक हो जाएगी। बेल आम रूप से डायरिया, दस्त, मधुमेह, जॉंडिस, ज्वर में काफी काम करता है।
पका हुआ बेल बवासीर और कब्ज में काफी फायदा करता है।
कलेजे में जलन के इलाज में भी पका बेल राम बाण है।
हृदय और नींद नहीं आने की समस्या पर भी बेल के जड़ को पीसकर पीना चाहिए।
विषैले जन्तु के काटने पर बेल के जड़ को पीस कर उसके लेप से फायदा मिलता है। चावल के माड़ में जड़ को पीसकर उबाललें और चीनी मिलाकर इसे पीने से बच्चों को बुखार से राहत मिलती है।