सेहत की बात हो तो हमे हमेसा अलर्ट रहना चाहिए। खासकर बच्चों के सेहत का पूरा ध्यान रखना चाहिए ताकि वे सेहतमंद और तंदरुस्त रहे। बचपन से ही इम्मयून सिस्टम को ताकतवर बनाना जरुरी है ताकि उन्हें किसी भी तरह का इन्फेक्शन ना लगे। उन्हें आहार में सभी तरह फल ,सब्ज़ियां देना जरुरी है। सर्दियों में खासकर उनकी तबियत का ख्याल रखना चाहिए। आइये जानते है, क्या क्या सावधानी रखे -
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बैलेंस डाइट -
- बच्चों के भोजन में फलों और सब्जियों को शामिल करें। भोजन में एक-तिहाई फल और सब्जियां तथा दो तिहाई अनाज का हिस्सा रखें।
- फास्ट फूड और फैट फूड की बजाय घर का बना खाना खिलाएं।
- खाने में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक और शर्करा की मात्रा कम रखें।
- शरीर में पानी की कमी न होने दें। उन्हें पानी, दूध और ताजे फलों का रस पिलाएं।
- बच्चों की उम्र के अनुपात में भोजन कराएं।
पूरी नींद लेनी ज़रूरी -
गैजेट्स के बढ़ते चलन और पढ़ाई के बढ़ते बोझ ने बच्चों में नींद के चक्र को गड़बड़ा दिया है। बच्चों को देर रात तक टीवी न देखने दें। उनका सोने और उठने का एक समय निर्धारित कर दें। कम सोना बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है। नवजात को 18 घंटे की नींद, दूध पीने वाले बच्चों को 12-13 घंटे की नींद और स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के लिए 10 घंटे की नींद जरूरी है। उन्हें टीवी, कम्प्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक गेम पर दो घंटे से अधिक समय ना बिताने दें।
एक्सरसाइज के बाद इन चीजों को करें ब्रेकफास्ट में शामिल
हमेसा रहे एक्टिव -
बच्चों को प्रतिदिन कम से कम एक घंटा खुले स्थान में खेलने दें। खेलना बच्चों के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज है, जो सेहत के साथ-साथ उनके संपूर्ण व्यक्तित्व पर असर डालती है। जब बच्चे थोड़े बड़े होने लगें तो उन्हें नियमित एक्सरसाइज और योग की आदत डालें। ताड़ासन, पद्मासन और भुजंग आसन जैसे सामान्य योगासन कराएं।
क्या खिलाएं
सुबह का नाश्ता: साबुत अनाज (अंकुरित मूंग, चना आदि), दूध और एक फल।
दोपहर का खाना: दाल, एक कटोरी चावल, उबली हुई सब्जियां, चपाती या स्टफ्ड परांठे।
शाम का नाश्ता: मेवे या फल या फलों का जूस।
रात का खाना: चपाती के साथ हरी सब्जी या वेजिटेबल पुलाव।
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