खराब और बिगड़ती जीवनशैली के कारण युवाओं के बीच दिल के रोगों के अलावा सांस की बीमारी, ट्यूमर और अन्य दो तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। 2004 से 2013 के बीच 15 से 29 आयु वर्ग के युवाओं की मौत की एक बड़ी वजह दिल संबंधी बीमारियां भी हैं।। पिछले कुछ वर्षों से हो रही एक रिसर्च के नतीजे ऐसा बता रहे हैं।
शहर हैं ज्यादा प्रभावित
भारत में जिस तरह सामाजिक, आॢथक और आबादी में बदलाव हो रहे हैं, उसे देखते हुए इस तरह के रोगों में तेजी आ रही है। इन्हीं आकड़ों में पाया गया कि आत्महत्या और दुर्घटना से होने वाली मौत के बाद 15 से 29 साल की युवाओं की मौत के पीछे का सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारी का होना पाया गया। शहरी युवाओं में ग्रामीण युवाओं की तुलना में इस तरह के रोगों का स्तर ज्यादा देख जा रहा है।
खानपान है अहम वजह
इस तरह के बढ़ते आंकड़ों के पीछे खानपान और इससे संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को जिम्मेदार माना जा रहा है। भारतीय खाने में चीनी और मिर्च-मसाले बहुत इस्तेमाल किए जाते हैं जो सेहत के लिए अच्छा नहीं होते। जंक फूड का खानपान भी जीवनशैली में तेजी से हावी हो रहा है और इससे मोटापे जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। खानपान की बिगड़ती आदतें शरीर को कम उम्र में ही रोगी बना रही हैं।
क्या करना होगा
हृदय रोगों के खतरे को कम करने एक लिए कठोर कदम उठाए जाने की जरूरत है। खानपान की अच्छी और सेहतमंद आदतों को अपनाना होगा। इसी के साथ एल्कोहल, ड्रग्स और अन्य धूम्रपान की चीजों को छोडऩा बहुत जरूरी है। शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाएं रखने के लिए योग और मेडिटेशन का सहारा भी लिया जा सकता है।
देश में मौत के पांच कारण
12.4 ' - बीमारी से
7.6 ' - सांस की बीमारी से
6.1'- खतरनाक ट्यूमर से
23.3'- दिल की बीमारी से
5.6'- प्रसव के दौरान