अगर आपको शरीर पर लाल धब्बे दीखते हैं और खुजली होती है तो सावधान हो जाइए ये दाद है अगर ये आपके नाख़ून पर हुआ तो आपका नाख़ून जड़ से निकल सकता है बालों की जड़ो मे हुआ तो आपके बाल उस जगह से झड़ सकते हैं।
टमाटर खट्टा होता है। इसकी खटाई खून को साफ करती है। नींबू में इसी तरह के गुण होते हैं। रक्तशोधन (खून साफ करना) के लिए टमाटर को अकेले ही खाना चाहिए। रक्तदोष (खून की खराबी) से त्वचा पर जब लाल चकत्ते उठे हों, मुंह की हडि्डयां सूज गई हो, दांतों से खून निकल रहा हो, दाद या बेरी-बेरी रोग हो तो टमाटर का रस दिन में 3-4 बार पीने से लाभ होता है। कुछ सप्ताह तक रोजाना टमाटर का रस पीने से चर्मरोग (त्वचा के रोग) ठीक हो जाते हैं।
अंजीर का दूध लगाने से दाद मिट जाते हैं। पके केले के गूदे में नींबू का रस मिलाकर लगाने से दाद, खाज, खुजली और छाजन आदि रोगों में लाभ होता है। इन्फेक्शन हुआ हो तो ये एक बहुत बेहतरीन तरीका है। छोटे छोटे राई के दाने दाद को ठीक करने में सहायक है। राई को 30 मिनट तक पानी में भिगो कर रख दें। फिर उसका पेस्ट बनाकर दाद की जगह पर लगा लें।
एलो वेरा का अर्क हर तरह के फंगल इन्फेक्शन को ठीक कर देता हैं । इसे तोड़कर सीधे दाद पर लगा लीजिये ठंडक मिलेगी। हो सके तो रात भर लगा कर रखें । एलो वेरा का नियमित सेवन करने और प्रभावित स्थान पर लगाने से दाद और खुजली में बहुत आराम मिलता हैं।
नीम के पत्तों को पानी में उबालकर स्नान करना चाहिये। काले चनों को पानी में पीस कर दाद पर लगायें। दाद में आराम आएगा। शरीर के जिन स्थानों पर दाद हों, वहां बड़ी हरड़ को सिरके में घिसकर लगाएं। छिलकेवाली मूंग की दाल को पीसकर इसका लेप दाद पर लगाएं।
दाद होने पर हींग को पानी में घिस कर नियमित प्रभावित स्थान पर लगाये। इस से दाद में आशातीत आराम मिलता हैं। नौसादर को नींबू के रस में पीसकर दाद में कुछ दिनों तक लगाने से दाद दूर हो जाता है। नाइलान व सिंथेटिक वस्त्रों की जगह सूती वस्त्रों का प्रयोग करें तथा अधोवस्त्र को हमेशा साफ सुथरा रखें।
खुजली एक विशेष प्रकार के सूक्ष्म परजीवी के त्वचा पर चिपक कर खून चूसने से उस जगह पर छाले व फुंसियां निकल आती है। इससे अत्यधिक खुजली पैदा होती है। खुजली एक ऐसा चर्म रोग है जो आनंद देता है खुजाने में। जब तब त्वचा जलने न लगे तब तक खुजलाहट शांत नहीं होती। इस रोग में सबसे अधिक शरीर की सफाई पर ध्यान देना चाहिये। चूंकि यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक शीघ्र पहुंचाता है इसलिय संक्रमित के कपड़े अलग रखकर उनकी गरम पानी से धुलाई करनी चाहिये।
इसके उपचार हैं
आंवले की गुठली जलाकर उसकी भस्म में नारियल का तेल मिलाकर मलहम बनायें और खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली दूर होती है। नीम की पत्तियों को गरम पानी में उबालकर खुजली वाले स्थान पर लगायें। काली मिर्च एवं गंधक को घी में मिलाकर शरीर पर लगाने से खुजली दूर होती है।
टमाटर का रस एक चम्मच, नारियल का तेल दो चम्मच मिलाकर मालिश करें और उसके आधे घंटे बाद स्नान करें। खुजली में राहत मिलेगी। स्वमूत्र चिकित्सा से भी इसका लाभप्रद इलाज होता है। छ: दिन का पुराना स्वमूत्र दाद खुजली पर लगाने से और स्वमूत्र की पट्टी रखने से चमत्कारी लाभ मिलता है।
उपरोक्त दाद वाले इलाज खुजली में भी उतनी ही उपयोगी हैं जितने दाद में। बच्चो को पहनाये जाने वाले डाइपर बहुत हानिकारक होते हैं, जहाँ तक हो सके उन से परहेज करे। दाद खाज-त्वचा के ऐसे रोग हैं कि लापरवाही बरतने से हमेशा के मेहमान बन जाते हैं। दाद, खाज और खुजली में मूंगफली का असली तेल लगाने से आराम आता है।
दाद, खाज और खुजली में मूंगफली का असली तेल लगाने से आराम आता है। सुपारी को पानी के साथ घिसकर लेप करने से उकवत, और चकत्ते आदि रोग दूर हो जाते हैं। त्वचा के किसी भी तरह के रोगों में मूली के पत्तों का रस लगाने से लाभ होता है।
1 कप गाजर का रस रोजाना पीने से त्वचा के रोग ठीक हो जाते हैं। त्वचा के किसी भी तरह के रोगों में मूली के पत्तों का रस लगाने से लाभ होता है। नीम्बू के रस में इमली के बीज पीसकर लगाने से दाद में लाभ होता हैं।
शरीर की त्वचा पर कहीं भी चकत्ते हो तो उस पर नींबू के टुकड़े काटकर फिटकरी भरकर रगड़ने से चकत्ते हल्के पड़ जाते हैं और त्वचा निखर उठती है। लहसुन में प्राकृतिक रूप से एंटी फंगल तत्व होते हैं। जो की कई तरीके के फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने में सहायक है। जिसमे से दाद भी एक है। लहसुन को छिल कर उसके छोटे छोटे टुकड़े कर दाद पर रख दीजिये जल्दी आराम मिलेगा। नारियल का तेल दाद को ठीक करने में बहुत उपयोगी है। ख़ास कर जब आपके सर की जड़ो में शरीर की त्वचा पर कहीं भी चकत्ते हो तो उस पर नींबू के टुकड़े काटकर फिटकरी भरकर रगड़ने से चकत्ते हल्के पड़ जाते हैं और त्वचा निखर उठती है।
नींबू के टुकड़े को काटकर दाद पर मलने से दाद की खुजली कम हो जाती है और थोड़े ही दिनों में दाद बिल्कुल मिट जाता है। इसको शुरूआत में दाद पर लगाने से कुछ जलन सी महसूस होती है। टमाटर खट्टा होता है। इसकी खटाई खून को साफ करती है। नींबू में इसी तरह के गुण होते हैं। रक्तशोधन (खून साफ करना) के लिए टमाटर को अकेले ही खाना चाहिए।
लाल चकत्ते उठे हों, मुंह की हडि्डयां सूज गई हो, दांतों से खून निकल रहा हो, दाद या बेरी-बेरी रोग हो तो टमाटर का रस दिन में 3-4 बार पीने से लाभ होता है। कुछ सप्ताह तक रोजाना टमाटर का रस पीने से चर्मरोग (त्वचा के रोग) ठीक हो जाते हैं।
अंजीर का दूध लगाने से दाद मिट जाते हैं। पके केले के गूदे में नींबू का रस मिलाकर लगाने से दाद, खाज, खुजली और छाजन आदि रोगों में लाभ होता है।