मशरूम का महत्व पोषण के दृष्टिकोण से बहुत अधिक है। देशी चिकित्सा के जानकार डा विपिन पतंजलि ने बताया कि प्राकृतिक रूप से होने वाला मशरूम प्राचीन काल से ही पौष्टिक एवं औषधीय गुणों से परिपूर्ण माना जाता है। मशरूम की विभिन्न प्रजातियां में बटन मशरूम, ऑयस्टर मशरूम, पैडीस्ट्रा मशरूम, श्वेत दूधिया मशरूम शामिल है।
इसे सब्जी के रूप में, उबालकर, सूप या पराठे में भर कर आदि तरीके से खाया जा सकता है। इसमें विटामिन डी, बी-1, बी, बी-2, बी-3, बी-5, बी-6 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही शर्करा, वसा, विटामिन्स तथा खानिज तत्व पाये जाते हैं।
सेवन से होते हैं ये फायदे
इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है जिसके कारण सेवन करने वाले लोग बीमारियों की चपेट में कम आते हैं।
*आर्थराइटिस और ब्रांकाइटिस के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होती है।
*इसके नियमित सेवन से पेट, $फेफड़े, ब्रेस्ट कैंसर से बच सकते हैं।
*इसके नियमित सेवन से मोटापा कम हो जाता है।
*इसके सेवन से बाल गिरना और त्वचे की झुरियां कम हो जाती हैं।
*यह एंटी बायोटिक होता है।
इसमें वसा, मिनरल और फाइबर की मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से पेट संबंधी रोग और मौसमी बीमारियों से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।