खानपान में मिलावट और बदलते लाइफस्टाइल के कारण मानव जीवन पर बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। पहले गंभीर बीमारियां एक तय उम्र के बाद देखने को मिलती थी लेकिन अब मासूम बच्चे तक बीमारियों की चपेट में तेजी से आ रहे हैं।
WHO द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पिछले दशक में वैश्विक स्तर पर बच्चों में कैंसर के मामलों में करीब 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ मामला सालाना 0-14 वर्ष साल के प्रति 10 लाख बच्चों में 140 तक पहुंच गया है।
वर्ष 2001-2010 में 3,00,000 कैंसर के मामले पर वैश्विक स्तर पर संग्रहित सूचना के आधार पर अध्ययन दिखाता है कि 15 वर्ष से छोटे बच्चों में ल्यूकेमिया एक आम कैंसर है जिसका बचपन के कैंसर के मामलों में तिहाई स्थान है।
WHO के तहत कैंसर पर अध्ययन के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी आईएआरसी द्वारा अध्ययन के मुताबिक सेंट्रल नर्वस सिस्टम का ट्यूमर दूसरे स्थान पर मामलों का 20 प्रतिशत और लिंफोमास कुल मामलों का 12 प्रतिशत है।
पांच साल से ज्यादा उम्र के बच्चों में एक तिहाई मामला न्यूराब्लास्टोमा, रेटिनोब्लास्टोमा, नेफ्रोब्लास्टोमा, हेपाटोब्लास्टोमा जैसे इंब्रायोलन ट्यूमर का है।