नियमित मंत्रों का जाप करिए और रहिए स्वस्थ

Samachar Jagat | Saturday, 15 Apr 2017 09:07:52 AM
Chant  mantras regularly and stay healthy

स्वस्थ जीवन पाने के लिये अगर वेद मंत्रों का जाप नियमित रूप से करेंगे, तो आपको काफी सारे फायदे देखने को मिलेंगे। वेद के मंत्रों में सुंदरता भरी पड़ी है, जिसे काफी कम ही लोग जानते हैं। 

वेद के इन जादुई मंत्रों को धर्म और आध्यात्म से नहीं जोडऩा चाहिये, बल्कि यह तो शरीर पर मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रभाव पैदा करते हैं इनके उच्चारण से एक किस्म की कंपन पैदा होती है, जिससे भीतरी चेतना जाग्रत होती है, दर्द से छुटकारा मिलता है, सांस लेने की प्रक्रिया सुधरती है, तनाव दूर होता है तथा और भी कई रोगों से मुक्ति मिलती है।

इम्यूनिटी बढ़ती है
कुछ प्रकार के मंत्रों के उच्चारण से जीभ, होंठ, तालू और शरीर के अन्य जोड़ पर प्रेशर पड़ता है। मंत्र से निकलने वाली कंपन हाइपोथेलेमस नामक ग्रंथि को उत्तेजित करती है। यह ग्रंथि प्रतिरक्षा और मन को खुश करने वाले हार्मोन को नियमित करती है। आप जितना ज्यादा खुश रहेंगे, आपकी इम्यूनिटी उतनी ही मजबूत बनेगी।

मन शांत रहता है 
मंत्र के नियमित जाप से एक तरह का हार्मोन उत्तेजित होता है जिससे मन शांत रहता है और शरीर को आराम मिलता है। इसके साथ ही ध्यान केंद्रित करना भी आसान हो जाता है।

तनाव दूर होता है 
इसके जाप से तनाव और उससे संबंधित बीमारियां खत्म हो जाती हैं। साथ ही शरीर को तनाव से जो कुछ भी नुकसान हुआ था, वह भी दूर हो जाता है।

डिप्रेशन नहीं होता
वैदिक मंत्रों के जाप से जो कंपन होती है, उससे शरीर से एक हार्मोन निकलना है जो डिप्रेशन से दिमाग को बचा कर सकारात्मक प्रतिक्रिया करता है। 

चेहरे पर चमक आती है 
जाप के कंपन से चेहरे पर रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और विषाक्त पदार्थों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही जाप की वजह से सांस लेने की प्रक्रिया में भी बदलाव आता है, जिससे त्वचा में ढेर सारी ऑक्सीजन भरती है। इससे चेहरा जवां और चमकदार बनता है।

एकाग्रता और सीखने की क्षमता बढ़ाए 
मंत्र बोलने से बेहतर एकाग्रता और सीखने की शक्ति मिलती है। क्योंकि जब आप मंत्र का उच्चारण करते हैं तो, उससे निकलने वाली कंपन से चेहरे और सिर पर उपस्थित चक्र सक्रिय हो जाते हैं, जो कि दिमाग बढ़ाते हैं।

अस्थमा कंट्रोल होता है 
लंबी सांस ले कर उसे अंदर रोक कर रखें और फिर छोड़ें। ऐसा करने से फेफड़े मजबूत बनते हैं और अस्थमा को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

शरीर के चक्र भी सन्तुलित होते हैं
इसके जाप से शरीर के चक्रों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलती है, जो कि शरीर की ऊर्जा के केंद्र होते हैं। विभिन्न ऊर्जा केंद्र, शरीर के अलग अलग अंगों को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करते हैं। कई बार चक्र इधर उधर हो जाते हैं, जिससे हमें मन से अपनी जगह पर लाना पड़ता है। ऐसा करने से शरीर के रोगों से मुक्ति मिलती है।
 



 

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