केला और आलू से मिलने वाला स्टार्च (शर्करा) पेट को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। एक नए अध्ययन से यह जानकारी मिली है। ब्रिटेन स्थित ब्रिटिश न्यूट्रिशन फाउंडेशन के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि केला, आलू, साबूत अनाज और फलियों में काफी मात्रा में रेसिस्टेंट स्टार्च (प्रतिरोधी शर्करा) पाया जाता है।
यह पेट को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है। साथ ही यह संतुष्टि बढ़ाता है और रक्त में शुगर की मात्रा की जांच में भी सहायक होता है।
रेसिस्टेंट स्टार्च एक तरह की शर्करा है जिसे हमारी छोटी आंत पचा नहीं पाती। यह बड़ी आंत में जाने के बाद किण्वित होता है। किण्विकरण की प्रक्रिया में स्टार्च अम्ल, गैस या अल्कोहल में बदलता है। इसलिए इसे एक तरह का खाद्य फाइबर माना जाता है। यह विभिन्न खाद्यों में कुदरती तौर पर पाया जाता है। हालांकि इसे कृत्रिम तरीके से खाद्य उत्पादों में मिलाया भी जाता है।
फाउंडेशन की शोधकर्ता स्टेसी लॉकयर ने कहा, हम जानते हैं कि एक स्वस्थ और संतुलित आहार में समुचित मात्रा में फाइबर का होना जरूरी है। हमारे आहार में रोज कम से कम 30 ग्राम फाइबर होना चाहिए। यह कई बीमारियों के खतरे को कम करता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, रेसिस्टेंट स्टार्च हमारे पेट में फैटी एसिड की छोटी शृंखला का निर्माण करता है, जो आंतों की कोशिकाओं के लिए ऊ$र्जा के स्रोत का काम करता है। इससे हमारे पेट का स्वास्थ्य ठीक रहता है, जिससे संतुष्टि बढ़ती है।
शोधकर्ताओं ने कहा, ऐसे कई साक्ष्य हैं जिनके अनुसार रेसिस्टेंट स्टार्च हमारे रक्त में शुगर को नियंत्रित करने में सहयोग करता है। हालांकि उन्होंने इस संबंध में और अध्ययन की जरूरत पर जोर दिया है। यह अध्ययन ‘न्यूट्रिशन’ जर्नल में छपा है।