इस देवी की पहचान उन्हें हर माह होने वाली मासिक धर्म से होती है...

Samachar Jagat | Thursday, 23 Jun 2016 09:10:56
The identity of goddess of menstruation every month there is

इंटरनेट डेस्क। नीलांचल पर्वत पर विराजमान कामाख्या देवी की अलौकिकता अन्य सभी देवियों से अलग है। यह एक ऐसी देवी है जिनकी पहचान उन्हें हर माह होने वाली मासिक धर्म से होती है। इस देवी का मासिक धर्म सामान्यतौर पर आषाढ़ माह के सातवें दिन से शुरू होता है। इस साल के हिंदू पंचांग के मुताबिक देवी का मासिक धर्म 22 जून को शुरू हो गया है। इसी दौरान यहां अंबुबाची महोत्सव की शुरूआत भी हो गई है।

साधुओं ने कामाख्या मंदिर पर अंबुबाची मेले की पूर्वसंध्या पर जुलूस निकाला। पुजारियों का कहना है कि इस क्षेत्र में सभी हिंदू मंदिर चार दिन बंद रहेंगे क्योंकि मां कामाख्या जून में मासिक धर्म से गुजरेगी।मान्यता है कि भगवान विष्णु के चक्र से खंडित होने पर सती की योनि नीलांचल पहाड़ पर गिरी थी। 51 शक्ति पीठों में कामाख्या महापीठ को सर्वश्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि यहां पर योनि की पूजा होती है। यही वजह है कि अम्बुवासी मेले के दौरान तीन दिन मंदिर में प्रवेश करने की मनाही होती है। कामरूप उपायुक्त एम अंगामुथु  ने कहा ' मेले के दौरान हमें 25 लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। हमने मेले का सुचारू रूप से आयोजन करने के लिए सुरक्षा और भीड-प्रबंधन की योजना पूरी तरह से सुनिश्चित कर ली है।

मंदिर प्रबंधन के सदस्य ने कहा कि मंदिर का दरवाजा मेले के पांचवें दिन खोला जाएगा। वहीं स्थानीय  अधिकारियों ने स्वच्छता की चुनौती के लिए खुद को तैयार कर लिया है। सीएम सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि भीड़ के बावजूद मंदिर का परिसर साफ और स्वच्छ बना रहे, इसके लिए हमने स्वच्छता अधिकारियों को काम सौंपा है। असम के कामाख्या मंदिर में देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु वार्षिक अंबुबाची मेले में हिस्सा लेने बुधवार को उमड़ पड़े।

मंदिर प्रशासन ने देवी के वार्षिक मासिक धर्म अवधि के लिए उन्हें एकांत देने के लिए बुधवार सुबह से ही गर्भ गृह का दरवाजा बंद कर दिया।मंदिर रविवार सुबह फिर से खुल जाएगा और उसके बाद हजारों श्रद्धालुओं को मंदिर में जाकर देवी के दर्शन-पूजन करने की अनुमति दी जाएगी। इस अवधि के दौरान हिंदू पूजा नहीं करते और किसान अपने खेत नहीं जोतते।कामरूप के उपायुक्त एम. अंगमुथू ने कहा कि जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या से बचाने के लिए विशेष बंदोबस्त किए हैं। कामाख्या मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है और यह मां दुर्गा को समर्पित है। अंबुबाची के दौरान असम के सभी मंदिर बंद रहेंगे।



 

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