प्यार के इस रिश्ते में कभी नीरसता न आने दे अपनाए य तरीके...

Samachar Jagat | Thursday, 30 Jun 2016 10:59:38
love is life

जिस तरह से एक पौधे को पानी, धूप और हवा की जरूरत होती है, जरा सीअनदेखी करने पर पौधा दम तोडऩे लगता है उसी तरह से पति-पत्नी के रिश्ते को भी लगातार प्यार, दुलार और देखभाल की जरूरत होती है। इसमें की गई थोड़ी सी भी लापरवाही रिश्ते की नींव को हिला देती है। अपने रिश्ते की पुरानी रंगत को बचाए रखने के लिए जरूरी है कि विवाह के कई वर्षों बाद भी अपने रिश्ते में बासीपन ना आने दें, क्योंकि जितना आसान रिश्ते बनाना होता है उससे ज्यादा मुश्किल होता है रिश्तों को निभाना और उसकी गर्माहट को बनाए रखना। पति-पत्नी का रिश्ता छुईमुई फूल की तरह होता है अगर ज्यादा स्पेस हो गया तो रिश्ते टूटने में जरा भी वक्त नहीं लगता। इसलिए अपने वैवाहिक जीवन की डोर
को कमजोर ना होने दें बल्कि समय के साथसाथ उसे और भी रंगीन बनाएं ताकि जब आपकी विवाह की पाचवीं सालगिरह हो तो दूसरे भी आपके प्यार को देखकर दीवाने हो जाएं और अपनी शादी को ताउम्र खुशनुमा बनाए रखने के लिए आपसे टिप्स लेने को ललायित हो उठें।

शब्दों को दें जुबान

वैवाहिक जीवन में कई बार किसी कारण कोई नाराज़गी या गलतफहती हो जाती है तो आपसी ठहराव सा आने लगता है। कभी-कभी स्थिति ऐसी हो जाती है कि बातचीत भी बंद हो जाती है जोकि वैवाहिक जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है। ऐसे में कोशिश करें कि लड़ाई बढऩे से पहले ही बातचीत कर उसे सुलझा लें। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करें जिससे उनका गुस्सा छूमंतर हो जाए।

जीवनचर्या में बदलाव लाएं

विवाह के बाद जीवनचर्या एक निश्चित ढर्रे पर चलने लगती है। परंतु निश्चित जीवनचर्या से कुछ ही समय बाद जीवन में एकरसता आ जाती है और विवाह एक उबाऊ संबंध प्रतीत होने लगता है। ऐसा ना हो इसके लिए जरूरी है कि जीवनचर्या में निरंतर बदलाव लाएं, ताकि रिश्ते में ताज़गी बनी रहे।

समय जरूर निकालें

अकसर देखने में आता है कि घर-परिवार की बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण दोनों एक-दूसरे को समय नहीं दे पाते। जिसका परिणाम यह होता है कि आपसी मनमुटाव शुरू होने लगते हैं। वैवाहिक जीवन में व्यवस्तता चाहे जितनी भी क्यों ना हो, पर एक-दूसरे के लिए समय जरूर निकालें, क्योंकि साथ-साथ समय बिताने पर ही एक-दूसरे की इच्छा-अनिच्छा व भावनाओं की जानकारी मिलती है।

संवाद करें। 

कई बार समयाभाव के चलते बातचीत में कमी आ जाती है। बातचीत में आई कमी आपके रिश्ते की जड़ को खोखला कर देती है इसलिए रिश्तों की निरंतरता बनाए रखने के लिए आपस में बातचीत को बिना किसी रुकावट के साथ जारी रखें क्योंकि संवाद एक ऐसा माध्यम है, जिसके चलते बड़ी से बड़ी समस्याएं हल हो जाती हैं।

तेरी भावना मेरी है

विवाह को सफल बनाने के लिए जरूरी है एक-दूसरे की भावना को समझें और उनकी कद्र करें, क्योंकि भावनाओं का अहसास होने पर ही सही तालमेल का प्रयास किया जा सकता है। आपसी समझ यानी परिपक्व समझदारी वाला कपल हर मुसीबत का सामना कर लेता है।

अहम को अहम ना बनाएं

अगर रिश्ते में ईगो यानी अंहकार की भावना आ जाती है तो पति-पत्नी का रिश्ता बड़ी आसानी से टूटने की कगार पर आ जाता है। अंहकार की भावना को कोशिश करें आपसी संबंधों में ना लाएं, क्योंकि यह एक ऐसा कीड़ा है, जो एक बार लग गया तो पूरे परिवार को नष्ट कर देता है जिससे निकाल पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

प्रशंसा से प्रशंसा पाएं

शादी के पहले और शादी के बाद यानी कुछ सालों तक तो हर कपल एक-दूसरे की खूब तारीफ करते हैं, पर शादी के कुछ समय बाद तारीफ ना जाने कहां गायब हो जाती है। इस तारीफ में रोक ना लगाएं और जब भी मौका मिले उनके आगे उनकी तारीफों के पुल बांध दें। मनोचिकित्सक कहते हैं कि तारीफ करने से आपसी समझ बढ़ती है जिससे रिश्ते की जड़ मजबूत होती जाती है।

सम्मान करें

अक्सर देखने को मिलता है कि रिश्ता जब नया-नया होता है तो कपल एक-दूसरे का खूब सम्मान करते हैं, पर साल दर साल सम्मान का 'स भी उनके बीच नहीं रह जाता। डॉ. समीर पारिख कहते हैं रेस्पेक्ट यानी आदर-सम्मान हर रिश्ते में होना चाहिए। जब पति-पत्नी के रिश्ते की बात आती है तो इसकी अहमियत और बढ़ जाती है क्योंकि जिस कपल के बीच सम्मान की भावना नहीं होती वह रिश्ता बीच में ही दम तोड़ देता है।

सेक्स को कम ना करें

परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी के चलते एक समय के बाद सेक्सुअल लाइफ में भी बोरियत होने लगती है, जिससे रिश्ते में बिखराव शुरू हो जाता है। इस बात से बचने के लिए सेक्सुअल लाइफ का आनंद उठाएं, क्योंकि रोमांस और सेक्स विवाह के आवश्यक अंग हैं। इससे आपसी प्यार  बढ़ता है और एक-दूसरे के प्रति अंतरंगता की भावनाएं गहरी होती जाती है।

थोड़ी सी दूरी जरूरी है

शादी के बाद लगातार एक-दूसरे के साथ रहने से सामने वाले पर आत्मनिर्भरता बढ़ती है। कुछ समय के लिए यह निर्भरता अच्छी लगती है पर कुछ समय बाद यह मुसीबत बन जाती है। ऐसा ना हो और आप अपनी मूल पहचान ना खो दें इसके लिए जरूरी है कि एक-दूसरे को स्पेस दें ताकि दूरियों में भी प्यार की महक महसूस हो।



 

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