सिंगापुर। पारंपरिक संगीतकार वडाली बंधुओं ने सिंगापुर के ‘बीच रोड’ स्थित ‘शाइन ऑडिटोरियम’ में आयोजित कार्यक्रम में अपने संगीत से सूफी परंपरा का जादू बिखेरा और अपनी नायाब पेशकश से दर्शकों का दिल जीत लिया। सिर्फ यही नहीं, उनके संगीत के जादू से मंत्रमुग्ध होकर दर्शकों ने खड़े होकर तालियां भी बजाईं।
पूरनचंद वडाली ने कई राग सुनाए और अपने भाई प्यारेलाल के साथ पारंपरिक उत्तर भारतीय गाथाओं के उद्गम का परिचय देते हुए यह भी बताया कि किस तरह ‘सूफी’ ने प्रेम में ईश्वर के रूप को पेश किया।
वडाली बंधुओं ने कोई संगीत अकादमी स्थापित नहीं की है। बहरहाल, पूरनचंद ने बताया कि वह अक्सर उच्च शिक्षा ले रहे कई छात्रों से बातचीत करते हैं और उन्हें पारंपरिक संगीत के बारे में बताते हैं। उन्होंने कहा, जब भी कोई छात्र हमारे पास सीखने आता है तो हमने हमेशा उनके साथ संगीत का ज्ञान बांटा है। उन्होंने कहा, उत्तर भारत में कार्यक्रमों के आयोजन की मांग के चलते हम अब भी यात्रा कार्यक्रम में व्यस्त हैं।
महज तीन साल की उम्र में गायन शुरू करने वाले पूरनचंद ने प्यारेलाल अब 70 वर्ष के साथ अपनी जुगलबंदी के बारे में भी बात की, जिसने लाखों संगीतप्रेमियों का दिल जीता। पूरनचंद ने कहा, हम दोनों भाई स्कूल तो नहीं जा सके लेकिन हमने समूची दुनिया में हर राग गाया है।