मुंबई। फिल्म सेंसर बोर्ड ने 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' को इसके आपत्तिजनक दृश्यों और अपमानजनक शब्दों की वजह से प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया है। फिल्म की निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने इस फैसले को 'महिलाओं के अधिकार पर हमला' कहा है। फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह ने भूमिकाएं निभाई हैं।
फिल्म के यौन दृश्यों और भाषा पर भी बोर्ड ने आपत्ति जताई है। अलंकृता श्रीवास्तव के निर्देशन में बनी इस फिल्म को प्रकाश झा ने प्रोड्यूस किया है, फिल्म में रत्ना पाठक शाह, विक्रांत मैसी, अहाना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकुर और शशांक अरोड़ा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा फिल्म के निर्माता प्रकाश झा को एक पत्र भेजा है । जिसमें फिल्म को प्रमाणित नहीं किए जाने का कारण लिखा है, "फिल्म की कहानी महिला केंद्रित है और उनकी जीवन से परे फैंटेसियों पर आधारित है। इसमें यौन दृश्य, अपमानजनक शब्द और अश्लील ऑडियो हैं। यह फिल्म समाज के एक विशेष तबके के प्रति अधिक संवेदनशील है। इसलिए फिल्म को प्रमाणीकरण के लिए अस्वीकृत किया जाता है।"
This is the third time you are messing with my job dear censor board. What freedom of speech do you go on about? https://t.co/jpgMg8AaKw
— Shashank Arora (@ShashankSArora) February 23, 2017
फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने पर बॉलीवुड के कई कलाकारों ने इसकी निंदा की है। रेणुका शहाणे ने ट्वीट किया, "एक अवॉर्ड विनिंग फिल्म को बेवजह सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया गया।"
फिल्म के कलाकार शशांक अरोड़ा ने लिखा, "सेंसर बोर्ड आपने तीसरी बार मेरे काम से खिलवाड़ किया है। क्या इसे ही आप फ्रीडम ऑफ स्पीच कहते हैं?"
मसान के निर्देशक नीरज घेवान ने सेंसर बोर्ड के इस फैसले को बैन करार दिया है।