नई दिल्ली/मेलबर्न। शोधकर्ताओं ने धरती पर एक नए महाद्वीप की खोज की है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ईस्ट में पानी के नीचे जमीन के एक नए बड़े टुकड़े की खोजा है। जिसे उन्होंने जीलैंडिया का नाम दिया है।
जमीन के इस टुकड़े को दुनिया के 8वें महाद्वीप की मान्यता मिल सकती है। इसका ज्यादा हिस्सा (करीब 94 प्रतिशत) समुद्र में डूबा हुआ है। इससे रिसर्चर्स यह पता लगा सकते हैं कि कॉन्टिनेंटल क्रस्ट कैसे टूटी थी।
जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका के जर्नल में पब्लिश पेपर के मुताबिक न्यूजीलैंड के विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ऑफ वेलिंगटन और ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के शोधकर्ताओं ने जीलैंडिया की पहचान जियोलॉजिकल महाद्वीप के रूप में की है।
इस टुकड़े पर महाद्वीपों में आमतौर पर पाई जाने वाली प्रमुख चार खासियतों का टेस्ट किया है। टेस्ट के बाद मिले नजीतों के अनुसार जीलैंडिया एक महाद्वीप है। बूट के शेप और लगभग ग्रेटर इंडिया की आकृति जैसे इस क्षेत्रमें न्यूजीलैंड और न्यू कैलिडोनिया शामिल हैं।
जीलैंडिया फैला है 50 लाख वर्ग किमी एरिया में:
जीलैंडिया 50 लाख वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है। जो ऑस्ट्रेलिया के कुल क्षेत्रफल का लगभग 60 प्रतिशत है। इसका 94 प्रतिशत भाग साउथ-वेस्ट पैसिफिक (दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर) में डूबा हुआ है। सिर्फकुछ सबकॉन्टिनेंट्स और पहाड़ ही पानी से ऊपर नजर आते हैं।
इन चार खासियतों पर हुआ रिसर्च:
1. खास जियोलॉजी स्ट्रक्चर
2. तय एरिया
3. आसपास के इलाके से ऊंचाई
4. ओशन के रेग्युलर फ्लोर (सतह) से ज्यादा मोटी क्रस्ट