कोलकाता। जीवनभर कक्षाओं में संस्कृत पढ़ाने के बाद सेवानिवृत्त प्रोफेसर जी प्रभा अब इस प्राचीन भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए फिल्म का निर्माण कर रहे हैं। 'इश्ती' संस्कृत में बनने वाली चौथी फिल्म है और सामाजिक विषय पर इस भाषा में बनने वाली पहली फिल्म है। फिल्म इस हफ्ते कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव केआईएफएफ में दिखाई गई थी और सोमवार को आईएफएफआई गोवा में उद्धघाटन फिल्म होगी।
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प्रभा ने कहा, '' संस्कृत में बनी तीनों फिल्में पौराणिक विषयों या किसी के जीवन पर बनी थीं लेकिन संस्कृत का इस्तेमाल सामाजिक विषयों पर आधारित अन्य कहानियों को कहने में भी किया जा सकता है। फिल्म बहुत आधुनिक है और इसका विषय प्रासंगिक है।'' संस्कृत में डॉक्टरेट और चेन्नई के लॉयल कॉलेज से सेवानिवृत्त प्रोफेसर ने पहले दो वृताचित्र बनाए थे लेकिन यह उनकी पहली फीचर फिल्म है।
उनसे जब अक्सर ब्राह्मणों से जोड़े जाने वाली प्राचीन भाषा के समकालीन प्रासंगिकता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं की जननी है।
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उन्होंने कहा, '' अब भी यह मृत भाषा नहीं है क्योंकि ऐसे लोग है जो मेरे और मेरे परिवार की तरह संस्कृत बोलते हैं। इसमें नए लोग भी शामिल हैं। यह एक गलत धारणा है कि संस्कृत ब्राह्मणों की भाषा है। केरल में दलित भी इसका इस्तेमाल करते हैं।''
एजेंसी
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