ओके ओके हैं 'ओके जानू', पढ़िए रिव्यु 

Samachar Jagat | Saturday, 14 Jan 2017 10:07:19 AM
ok jaanu review

नयी दिल्ली। ‘आशिकी 2’ कपल यानी की श्रद्धा कपूर और अद्वितीय रॉय कपूर एक बार फिर परदे पर साथ नज़र आये। दोनों की रिलीज़ हुयी फिल्म ओके जानू में यह जोड़ी प्यार की भपगे गढ़ते हुये दिख रही है। फिल्म रिलीज़ हो चुकी हैं। फिल्म देखने जा रहे हैं तो पढ़िए फिल्म का रिव्यु। 

फिल्म ‘ओके जानू’ में यह जोड़ी अपने रोमांटिक अंदाज से दर्शकों को दीवाना बनाती नजर आई।
यह फिल्म मणिरत्नम की तमिल फिल्म‘ओ कधल कनमणि’की रिमेक है। शाद अली ने निर्देशन में बनीं इस फिल्म में श्रद्धा और आदित्य के अलावा नसीरुद्दीन शाह और लीला सैमसन अहम किरदार में है। फिल्म में संगीत दिया है ए.आर रहमान ने। इस फिल्म का निर्माण करन जौहर और मणिरत्नम ने किया है

कहानी :-
‘ओके जानू’ कहानी है ऐसे युवा जोड़े की जो प्यार तो करना चाहता है लेकिन किसी बंधन में नहीं बंधना चहता है। आदि (आदित्य रॉय कपूर) और तारा (श्रद्धा कपूर) दोनों अपनी भजदगी में आजाद है और किसी पर निर्भर नहीं एक मुलाकात के बाद दोनों में प्यार हो जाता है, लेकिन इस प्यार की शर्त यह होती है कि दोनों का ध्यान प्यार में प्रतिबद्धता पर नहीं बल्कि कैरियर पर केन्द्रित रहेगा। आदि और तारा के अलावा फिल्म में एक और जोडी गोपी (नसीरुद्दीन शाह) और उनकी पत्नी चारू (लीला सैमसन) की है। आदि गोपी और चारू के घर में पेइंग गेस्ट की तरह रहता है। तारा से आंखे चार होने के बाद वह आदि गोपी और चारू को मना कर उसे भी अपने घर लेते आता है और दोनों लिव इन रिलेशन में रहने लगते है। फिल्म में एक तरफ आदि और तारा की जोड़ी है जो प्रतिबद्धता में विश्वास नहीं करते तो वहीं दूसरी तरफ गोपी और चारू बुढ़ापे में भी एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते है। गोपी और चारू के प्यार को असर तारा और आदि के भजदगी पर पड़ता है या नहीं यह जानने के लिये आपको‘ओके जानू’देखनी पड़ेगी।

निर्देशन :-
मणिरत्नम ने अपनी फिल्म के रिमेक बनाने का जिम्मा अपने शिष्य शाद अली को सौंपा जिन्होंने‘दिल से’मणिरत्नम को असिस्ट किया था। साथिया, बंटी-बबली, झूम बराबर झूम और किल दिल जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके शाद इस रोमांटिक फिल्में बनाने मेें माहिर माने जाते है।‘ओके जानू’के साथ उन्होंने खुद के लिये एक नया प्रयोग किया है । हालांकि हाल के दिनों में लिव इन रिलेशिप पर और भी फिल्में बनीं है इस वजह से फिल्म में वह ज्यादा नयापन नहीं ला पाये । मुंबई और अहमदाबाद की खूबसूरती को भी उन्होंने पर्दे पर अ‘छी तरह से पेश किया है। श्रद्धा, आदित्य, नसीरुद्दीन शाह और लीला सैमसन से उन्होंने अ‘छे से काम लिया है।

अभिनय :-
आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर की जोड़ी को‘आशिकी 2’में दर्शकों का खूब प्यार मिला और‘ओके जानू’में उसी सफलता को भूनाने की कोशिश की गयी है। दोनों फिल्मों की कहानी का कोई मेल नहीं लेकिन आदित्य और श्रद्धा की जोड़ी पर्दे पर एक बार फिर रोमांटिक लगी। केयर फ्री और अपनी ही धुनों में रहने वाले आज के दौर के युवा के किरदार में दोनों अ‘छे लगे हैं। फिल्म में आदित्य का किरदार वीडियो और कम्प्यूटर गेम डेवल्पर का है तो वहीं श्रद्धा आर्किटेक्ट केे किरदार में है। नसीरुद्दीन शाह और लीला सैमसन ने भी अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया है। दोनों की जोड़ी बिल्कुल नेचुरल लगी है।

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गीत-संगीत :-
फिल्म में संगीत दिया है ए.आर रहमान ने जबकि गानों के बोल लिखे है गुलजार साहब ने दोनों की जोड़ी कमाल की रहती है लेकिन‘ओके जानू’में इस जोड़ी का वह दम नहीं दिखा जिसके लिये ये जाने जाते है।‘हम्मा-हम्मा’का नया वर्जन को युवाओं को पसंद आयेगा। रहमान और श्रीनिधी की आवाज में फिल्म का टाइटल सॉन्ग और अरिजीत भसह की आवाज में‘ईन्ना सोना’अ‘छा लगा। बाकी गाने औसत है।

देखे या ना देखे:-
‘ओके जानू’मल्टीप्लेक्स के दर्शाकों की फिल्म है। युवा वर्ग इससे खुद को इस जोड़ सकेगा लेकिन नयापन के नाम पर इस फिल्म में आपको ज्यादा कुछ नहीं मिलेगा। कहानी सपाट है और सस्पेंस की कमी है। श्रद्धा और आदित्य की लव स्टोरी पर नसीरुद्दीन शाह और लीला सैमसन की प्यार की कहानी भारी पड़ती है। इन चारों सितारों के अलावा फिल्म की दूसरी काभस्टग को और बेहतर किया जा सकता था।

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रेभटग:-
हालांकि कहानी में कुछ नयापन नहीं है लेकिन अच्छे अभिनय के लिये फिल्म को एक बार देखने में कोई हर्ज नहीं है। इस फिल्म को हमारी तरफ से पांच में से ढाई स्टार (2.5*/5*)



 

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