बॉलीवुड में ललिता पवार को एक ऐसी अभिनेत्री के रुप में याद किया जाता है जिन्होंने खलनायिका के तौर पर दर्शकों के बीच खास पहचान बनाई। ललिता पंवार का जन्म 18 अप्रैल 1916 को नासिक में हुआ था। उन्होंने अपने अभिनय जीवन की शुरुआत महज 9 साल की उम्र में कर दी थी। ललिता पवार को अपने शुरुआती दौर में 18 रुपए प्रति महीना वेतन मिला था।
ललिता पवार ने इसके बाद कई फिल्मों और टीवी सीरियल में काम किया है लेकिन आज भी वह घर-घर में रामायण की मंथरा के नाम से जानी जाती हैं। वर्ष 1942 में फिल्म जंग-ए-आजादी के एक सीन के दौरान नए एक्टर मास्टर भगवान दादा ने गलती से उन्हें इतनी जोर से थप्पड़ जड़ दिया कि उन्हें फेशियल पैरालिसिस (लकवा) हो गया और उनकी बाईं आंख पर जबरदस्त चोट आई।
तीन साल के इलाज के बाद वह ठीक हुई, लेकिन उनकी आंख में थोड़ी खराबी रह गई। इसके चलते उन्होंने लीड रोल छोडकऱ कैरेक्टर रोल की तरफ रुख किया। ललिता को बाद के काम के लिए ज्यादा पहचान मिली। वह फिल्मों में खलनायिका खासकर बुरी सास के रूप में जानी जाने लगी।
वर्ष 1959 में प्रदर्शित फिल्म फिल्म अनाड़ी में ललिता पवार ने एक दयालू लेकिन स्ट्रिक्ट महिला का किरदार निभाया। इस फिल्म के लिए उन्हें ‘फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिग एक्ट्रेस’ का अवॉर्ड मिला। ललिता पवार ने 500 से अधिक फिल्मों में काम किया। उनका 24 फरवरी 1998 को पुणे में निधन हो गया ।