रितिक रोशन नोटों के बंद होने की बहस में नहीं पडऩा चाहते

Samachar Jagat | Sunday, 13 Nov 2016 12:47:09 PM
Hrithik Roshan notes Indulge not want to be locked in debate

मुंबई। अभिनेता रितिक रोशन 500 और 1000 रूपये के नोट बंद होने की बहस में नहीं पडऩा चाहते, जबकि बॉलीवुड उद्योग के बड़े बड़े लोग सरकार के इस निर्णय का प्रशंसा कर रहे हैं। 

अमिताभ बच्चन, शाहरख खान, करण जौहर ने काले धन के खिलफ लड़ाई के उद्देश्य से बड़े नोटों का चलन बंद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की है। नोटों के बंद किये जाने पर पत्रकारों ने रितिक से इस पर उनका विचार पूछे, तो रितिक ने कहा, ‘‘अभी कुछ नहीं।’’ 

रितिक कल यहां कुमार मंगलम बिड़ला की बिटिया अनानुआ बिड़ला का अल्बम जारी करने के दौरान बोल रहे थे। इस मौके पर विधु विनोद चोपड़ा, प्रसून जोशी, राहुल बोस, शाइना एनसी, रणविजय सिंह आदि लोग उपस्थित थे। नकदी बंद होने पर प्रसून जोशी ने कहा, ‘‘जब यह निर्णय किया गया, तो मेहनत से पैसा कमाने वाले लोगों के चेहरों पर खुशी आ गयी।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि कुछ सप्ताह के लिए थोड़ी दिक्कत हो, लेकिन यदि इस प्रकार के कदम नहीं उठाये गये होते, तो देश में बदलाव लाना कठिन हो जाता। मैं उन सभी लोगों के साथ हूं, जिन्हें सरकार के इस कदम से कोई चिंता नहीं है क्योंकि हम एक साफ सुधरा जीवन चाहते हैं, इसलिये हमें इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिये।’’ 

चोपड़ा ने सरकार के इस कदम की तारीफ करते हुये इसे एक ‘अच्छा कदम’ करार दिया। सरकार के इस कदम से खातों में धन जमा करने और निकालने में भी आम लोगों को दिक्कते आ रही हैं। सरकार के इस कदम की अन्य पार्टियों द्वारा आलोचना करने पर शाइना ने कहा, ‘‘यह समझना बहुत जरूरी है कि प्रधानमंत्री ने ऐसा निर्णय लिया है, जो सभी के हित में है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवाद और जाली मुद्रा को देर करना चाहते हैं। हो सकता है कि इसमें कुछ परेशानी आये, लेकिन आपको बड़े पैमाने पर सोचना होगा। यह सभी भारतीयों के हित में है।’’ 

फिल्म उद्योग के ज्यादातर लोगों ने प्रधानमंत्री के इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन अभिनेता अरशद वारसी को इससे कोई खास खुशी नहीं हुयी। 

वारसी ने सोशल मीडिया ट्विटर में प्रधानमंत्री पर कई ट्वीट किये और उनसे पूछा कि नया कानून बनाकर और पूराने कानूनों में संशोधन के जरिये भी फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों पर रोक लगाकर और देश में कर-दाताओं की संख्या बढ़ाकर भी कालेधन पर नकेल लगायी जा सकती थी।               -एजेंसी
 



 

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