पुण्यतिथि विशेष : बॉलीवुड के इस 'लेडी किलर' को देखकर बढ़ जाती थी लड़कियों के दिल की धड़कन

Samachar Jagat | Thursday, 27 Apr 2017 10:22:29 AM
Feroz Khan Death Anniversary

मुम्बई। हिन्दी फिल्मों के निर्माता, निर्देशक और अभिनेता फिरोज खान को बॉलीवुड की ऐसी शख्सियत के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने फिल्म निर्माण की अपनी विशेष शैली बनाई थी। फिरोज खान की निर्मित फिल्मों पर नजर डालें तो उनकी फिल्में बड़े बजट की हुआ करती थीं। जिनमें बड़े-बड़े सितारे आकर्षक और भव्य सेट, खूबसूरत लोकशन, दिल को छू लेने वाला गीत-संगीत और उम्दा तकनीक देखने को मिलती थी।

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अभिनेता के रूप में भी फिरोज खान ने बॉलीवुड के नायक की परम्परागत छवि के विपरीत अपनी एक विशेष शैली गढ़ी, जो आकर्षक और तडक-भडक़ वाली छवि थी। उनकी अकडकर चलने की अदा और काउब्वाय वाली इमेज दर्शकों के मन में आज भी बसी हुई है। वह पूर्व के क्लाइंट ईस्टवुड कहे जाते थे और फिल्म उद्योग के स्टाइल आइकान माने जाते थे।

25 सितम्बर 1939 को बेंगलुरु में जन्मे फिरोज खान ने बेंगलुरु के बिशप काटन ब्वायज स्कूल और सेंट जर्मन ब्वायज हाई स्कूल से पढ़ाई की और अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुम्बई आ गए। वर्ष 1960 में फिल्म दीदी में उन्हें पहली बार अभिनय करने का मौका मिला। इस फिल्म में वह सहनायक थे।

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इसके बाद अगले पांच साल तक अधिकतर फिल्मों में उन्हें सहनायक की भूमिकाएं ही मिलीं। जल्दी ही उनकी किस्मत का सितारा चमका और उन्हें 1965 में फणी मजूमदार की फिल्म 'ऊंचे लोग' में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में फिरोज खान के सामने अशोक कुमार और राजकुमार जैसे बड़े कलाकार थे लेकिन अपने भावप्रवण अभिनय से वह दर्शकों में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे।

उसी साल फिरोज खान की एक और फिल्म 'आरजू' प्रदर्शित हुई। जिसमें राजेन्द्र कुमार नायक और साधना नायिका थीं। इस फिल्म में उन्होंने अपने प्रेम की कुर्बानी देने वाले युवक का किरदार निभाया। 1969 में उनकी फिल्म 'आदमी और इंसान' आई। इस फिल्म के लिए उन्हें 'फिल्म फेयर' का सर्वश्रेष्ठ सहनायक का पुरस्कार मिला।

फिरोज खान अपने भाई संजय खान के साथ भी कुछ फिल्मों में दिखाई दिए। जिनमें 'उपासना', 'मेला', 'नागिन' जैसी हिट फिल्में शामिल है। वर्ष 1972 में प्रदर्शित फिल्म 'अपराध' से फिरोज खान ने निर्माता, निर्देशक के रूप में अपनी पारी की सफल शुरुआत की। इसके बाद फिरोज खान ने 'धर्मात्मा', 'कुर्बानी', 'जांबाज', 'दयावान', 'यलगार', 'प्रेम अगन', 'जानशीं', जैसी कुछ फिल्मों का निर्माण किया।

फिल्म निर्माण और निर्देशन के क्रम में फिरोज खान ने हिन्दी फिल्मों में कुछ नई बातों का आगाज किया। ‘अपराध’ भारत की पहली फिल्म थी, जिसमें जर्मनी में कार रेस दिखाई गई थी। धर्मात्मा की शूटिंग के लिए वह अफगानिस्तान के खूबसरत लोकशनों पर गए। इससे पहले भारत की किसी भी फिल्म का वहां फिल्मांकन नहीं किया गया था। अपने कैरियर की सबसे हिट फिल्म कुर्बानी से फिरोज खान ने पाकिस्तान की पॉप गायिका 'नाजिया हसन' के संगीत करियर की शुरुआत कराई।

फिरोज खान उन चंद अभिनेताओं में एक थे, जो अपनी ही शर्त पर फिल्म में काम करना पसंद करते थे। इस वजह से उन्होंने कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव ठुकरा दिए थे। राजकपूर की फिल्म संगम में राजेन्द्र कुमार और आदमी फिल्म में मनोज कुमार वाली भूमिका के लिये उन्होंने मना कर दिया था।

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वर्ष 2003 में फिरोज खान ने अपने पुत्र फरदीन खान को लांच करने के लिए 'जानशीन' का निर्माण किया। बॉलीवुड में 'लेडी किलर' के नाम से मशहूर फिरोज खान ने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 60 फिल्मों में अभिनय किया। अपने विशिष्ट अंदाज से दर्शकों के बीच खास पहचान वाले फिरोज खान 27 अप्रैल 2009 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।- वार्ता 

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