खिलाड़ी कुमार के नाम से मशहूर बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार ने हमेशा से लीक से हटकर फिल्में की हैं और उन्होंने हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में अपना एक अलग ही मुकाम बनाया है। फिल्म सौगंध से बॉलीवुड करियर की शुरूआत करने वाले अक्षय कुमार की छवि शुरूआती दौर में एक्शन हीरो के रूप में बनी। लेकिन धीरे-घीरे अक्षय कुमार ने अपने आपको हर तरह के किरदार में ढाल लिया।
शुरुआती दौर में मिली कुछ असफलताओं को छोड़ दें तो पिछले 26 सालों से बॉलीवुड में अक्षय कुमार बराबर हिट फिल्में दे रहे है और उनका सिंहासन कोई भी प्रतिद्विंद्वी स्टार हिला नहीं पाया। 90 के दशक में अजय देवगन, सुनील शेट्टी और अक्षय कुमार बॉलीवुड के टॉप एक्टर माने जाते थे और खासकर इनकी छवि एक्शन हीरो की थी।
लेकिन धीरे-धीरे अक्षय कुमार ने खुद को सिंगल कैटेगरी एक्टर की छवि से अलग कर लिया। पचास वर्षीय इस अभिनेता के साथी एक्टर अजय देवगन, सुनील शेट्टी से अलग राह पकड़ते हुए कंपीटिशन से खुद को अलग कर लिया और वो कुछ चुनिंदा निर्देशकों और हर तरह के किरदार की फिल्मों में काम करने लगे और धीरे-धीरे बॉलीवुड में उनकी पकड़ मजबूत होती गई। अक्षय अपने समकालीन एक्टर्स सुनील शेट्टी और अजय देवगन से आगे निकलते गए।
सुनील शेट्टी नाकाम होती फिल्मों के कारण भी बड़े पर्दे पर कम दिखाई देने लगे जिस वजह से वो बॉलीवुड के मैदान में डट नहीं पाए। अब अगर बॉलीवुड के अन्य हीरों की बात करें तो दो कद्दावर अभिनेता देओल ब्रदर्स यानि सनी और बॉबी देओल भी अपनी नाकाम होती फिल्मों और निर्माता-निर्देशकों की उनमें कम होती रूचि के कारण भी वो बॉलीवुड में खुद को स्थापित रखने में कामयाब नहीं हो सके, अपने समकालीन एक्टर्स की इस तरह बॉलीवुड में कम होती फिल्मों से अक्षय कुमार के लिए बॉलीवुड का मैदान खाली होता गया। अगर अजय देवगन को अपवाद रखें तो अक्षय कुमार तब से अब तक निरंतर बॉलीवुड में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
हालांकि हिन्दी सिने इतिहास में धूमकेतु की तरह उभरे खान स्टार्स (आमिर, शाहरूख, सलमान) का एक तरफा नाम और काम है। पिछले दो दशकों से बॉलीवुड पर राज करने वाले खान स्टार्स के आगे कोई नहीं टिक पाया। पचास बसंत पार कर चुके इन स्टार्स का जलवा अब भी बॉलीवुड में कायम है, लेकिन अक्षय कुमार ने इस कड़ी प्रतिस्पर्धा में भी अपना मुकाम बनाए रखा। अपने काम से काम रखने और विवादो से बचने की शैली पर चलने वाले अक्षय कुमार बॉलीवुड में खान स्टार्स के बाद सबसे ज्यादा लोकप्रिय और महंगे कलाकार हैं।
अक्षय की हर साल 3-4 से चार फिल्में रिलीज होती हैं जो काफी सफल भी होती हैं। 2016 में अक्षय कुमार ने एयरलिफ्ट, रूस्तम जैसी सुपरहिट फिल्में दी हैं और काफी सफल रहीं हैं और 2017 के शुरूआत में तो उनकी जॉली एलएलबी-2 100 करोड़ से ज्यादा बिजनेस कर चुकी है। यह तो रही बात अक्षय कुमार के चमकते फिल्मी करियर की बात, लेकिन एक आम इंसान और एक सच्चे देशभक्त के नाते अक्षय कुमार को देखें तो उनके सीने में एक बहुत ही विनम्र इंसान का दिल धडक़ता है जो औरो के दुख से दुखी होता है और दूसरो के सुख में संतष्टि महसूस करता है।
अक्षय कुमार देश में चल रहे हर मुद्दे पर और हालात पर भी बराबर नजर रखते हैं हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं चाहे देश की बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा हो या सरहदों पर देशवासियों की हिफाजत के लिए दुश्मनों से लोहा ले रहे हमारे जवानों के हितों की रक्षा का मुद्दा हो। अक्षय कुमार देश में चल रहे हर हालात पर नजर रखते हैं और वक्त पडऩे पर बेबाकी से अपनी राय देते हैं।
हाल ही में देश में कई बार आतंकवादी हमले हुए, जिसमें पठानकोट और उरी जैसे आतंकी हमलों ने जैसे हमें झकझोर कर रख दिया। इन हमलों में हमारे कई जवान शहीद हुए और उनकी शहादत पर हमारे देश के हर नागरिक का दिल उन शहीदों और उनके धरवालों के लिए सम्मान, सहानुभूति और पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से से भरा था।
ऐसे वक्त में अक्षय कुमार इन हमलों में शहीद हुए सैनिकों के घरवालों की मदद के लिए आगे आए और आर्थिक मदद की। अक्षय कुमार ने उरी हमले में शहीद हुए सैनिकों के घरवालों की आर्थिक मदद की और उनकी हर समस्या में उनके साथ होने का आश्वासन दिया। इतना ही नहीं अक्षय कुमार ने उनके हर दुख में उनके साथ रहने का वादा किया। इन हमलों पर जहां राजनेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में लगे थे वहीँ अक्षय कुमार ने एक बयान देकर सबको चुप कर दिया।
अक्षय कुमार ने एक ट्वीट कर कहा कि सैनिकों को सिर्फ देशभक्ति की नहीं बल्कि उन्हें पैसों की भी जरूरत होती है जो उनके और उनके परिवार के लिए बहुत जरूरी होता है। अक्षय के इस बेबाक बयान की पूरे देश में जमकर तारीफ हुई । अक्षय कुमार इस बयान से पहले शहीद सैनिकों के घरवालों की आर्थिक मदद कर चुके थे। अक्षय यहीं नहीं रूके उन्होंने शहीदों के परिवारों की आर्थिक मदद के लिए एक कवायद में और जुट गए।
अक्षय कुमार ने गृह मंत्रालय के उच्च अधिकारियों को विश्वास में लेकर एक ऐसा एप बनाने की पहल की जिसके जरिए कोई देशवासी कहीं से भी कभी शहीद परिवारों की आर्थिक मदद कर सकता है। इस दिल छू लेने वाली पहल के लिए अक्षय कुमार खुद गृहमंत्रालय पहुंचे थे। अक्षय कुमार ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि इस एप के जरिए आप शहीदों के परिवारों को अपनी और से आर्थिक मदद पहुंचा सकते हैं।
अक्षय ने इस मौके पर यह भी कहा था कि हमारे देश में कई ऐसे लोग हैं जो शहीद परिवारों की मदद करना चाहते हैं लेकिन उन्हें शहीदों के सही ठिकाने के बारे में पता नहीं होता। कई लोग तो सिर्फ मीडिया में देखकर ही इस और पहल करते हैं लेकिन यह एप ऐसा है जिसके जरिए आप कहीं से भी कभी भी शहीद परिवार की मदद कर सकते हैं।
इस एप से आपका एक-एक पैसा जरूरतमंद शहीद परिवार के पास सुरक्षित पहुंचेगा। इस एप के जरिए शहीदों के परिवारों को सीधी मदद पहुंचाई जा सकती है, इस एप में शहीदों के परिवारों के एकाउंट और उनके पते से संबंधित हर जानकारी होगी जिससे इन परिवारों को सीधी मदद पहुंचाई जा सकती है।
अक्षय की इस पहल की राजनेताओं के अलावा बॉलीवुड और देशवासियों ने खुलकर तारीफ की। अक्षय कुमार देशभक्ति से सजी कई ऐसी फिल्मों में भी काम कर चुके हैं जिसमें वो सैनिक और पुलिस वाले का रोल अदा कर चुके हैं। सैनिक और पुलिसवाले के रोल में अक्षय कुमार को काफी पंसद भी किया जाता है।
अक्षय ने अपनी अदाकारी से पुलिस और सैनिक के किरदार को जीवंत किया है। अक्षय ने सैनिक, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, लहू के दो रंग, खाकी, बेबी, हॉलीडे और हाल ही में आई रूस्तम और एयलिफ्ट जैसी फिल्मों में काम करके अक्षय ने यह साबित कर दिया कि देश से जुड़े हर मुद्दे को वो अपनी फिल्मों में बारिकी से उठाना जानते हैं। अक्षय ने रूस्तम में ऐसे नेवी अफसर का किरदार निभाया है जो अपने देश के लिए कुछ भी कर गुजरने की हिम्मत रखता है और अपने उसूलों और सिद्धांत का पक्का है।
जबकि एयरलिफ्ट में अक्षय कुमार ने ऐसे व्यवसायी का (सच्ची घटना पर आधारित) किरदार निभाया है जो खुद कुवैत और ईरान के युद्ध के दौरान वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस भारत भेजता है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक भारतीय व्यवसायी अपने परिवार की बगैर परवाह किए हुए अन्य भारतीयों को वहां से एयरलिफ्ट करवाता है।
यह कहानी कुवैत और ईरान युद्ध के दौरान कुवैत में फंसे भारतीयों को एयरलिफट के जरिए भारत में सुरक्षित भेजने वाले अभियान पर आधारित है। यह दुनिया का सबसे बड़ा एयरलिफ्ट अभियान भी माना जाता है। इस फिल्म में अक्षय कुमार ने अपनी अदाकारी से सबका दिल जीत लिया था और इस फिल्म ने दुनिया भर में बसे भारतीयों के सामने आने वाली समस्याओं पर हर हिंदुस्तानी को सोचने पर मजबूर कर दिया था।
अक्षय अपनी फिल्मों में प्रमोशन के दौरान भारतीय सैनिकों से मिलना नहीं भूलते। कई बार बॉर्डर पर भारतीय जवानों के बीच जाकर उनका जोश बढ़ाना नहीं भूलते। अक्षय ग्राउंड जीरो पर कई बार जा चुके हैं और सैनिकों की परेशानियों और उनके हौंसले को करीब से महसूस कर चुके हैँ।
यही नहीं अक्षय कुमार देश में किसानों की आत्महत्या पर भी चिंता जता चुके हैं और इसको लेकर भी अक्षय कुमार ने प्रयास किए हैं अक्षय इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारियेां और महाराष्ट्र के वित्त मंत्री से मिलकर गांव को गोद लेने की इच्छा भी जता चुके हैं। अक्षय कुमार ने यह इच्छा भी जताई कि जहां ज्यादा किसान आत्महत्या करते हैं वह वही गोद लेना चाहते हैं ताकि वह आत्महत्या करने पर मजबूर किसानों और उनके परिवारों का सहारा बन सकें और जो किसान आत्महत्या कर चुके हैं उनके परिवारों की ज्यादा से ज्यादा मदद सकें।
हाल ही में एक रेप की घटना पर भी अक्षय का गुस्सा फूट पड़ा था। जिस पर उन्होंने ऐसा काम करने वालों की कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी। अक्षय अपनी फिल्मों में सामाजिक या देश की प्रमुख समस्याओं के हल के लिए भी संदेश देने में पीछे नहीं रहते अक्षय अपनी आने वाली फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा’ में स्वच्छता को लेकर संदेश देंगे।
सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान को लेकर अक्षय कुमार की यह फिल्म महत्वपूर्ण कदम साबित होगी जिससे लोगों को सफाई के प्रति जागरूक होने में काफी मदद मिलेगी।
कैसे शुरू हुआ अक्षय का बॉलीवुड सफर
अक्षय कुमार का असली नाम राजीव हरी ओम भाटिया है। अक्षय का जन्म अमृतसर के एक मध्यम वर्गीय पंजाबी परिवार में हुआ। अक्षय ने प्रारंभिक शिक्षा डोन बोस्को स्कूल से की जबकि खालसा कॉलेज से आगे की शिक्षा हासिल की। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। बचपन के दिनों से ही अक्षय को डांस का शौक था और चाइल्ड डांसर के रूप में भी उन्होंने खासी पहचान बनाई।
अक्षय ने मुंबई आने से पहले दिल्ली के चांदी चौक इलाके में काफी वक्त गुजारा। फिर अक्षय अपनी किस्मत आजमाने मुंबई आए जहां वो पंजाबी बहुल इलाके कोलीवाड़ा में रहे। अक्षय मार्शल आट्र्स टेनर बनना चाहते थे इसकी ट्रेनिंग लेेने बैंकॉक गए, ट्रेनिंग के साथ-साथ अक्षय वहां एक रसोइए की नौकरी भी करते थे। वे फिर मुंबई वापस आ गए, जहां वे मार्शल आट्र्स की ट्रेनिंग देने लगे।
अक्षय को इस काम के लिए 4000 हजार रूपए प्रतिमाह मिला करते थे। फोटोग्राफी का शौक रखने वाले अक्षय के एक स्टूडेंट ने उन्हें मॉडलिंग की सलाह दी। अक्षय कुमार ने स्टूडेंट की सलाह पर मॉडलिंग की जिसका पूरा प्रबंध उनके स्डूटेंड ने किया।
अक्षय को एक मॉडलिंग कंपनी से असाइंमेंट मिला। धीरे-धीरे अक्षय को मॉडलिंग का और काम मिलने लगा और यहां से होने वाली अच्छी कमाई से अक्षय कुमार की रूचि और बढ़ती गई। अक्षय कुमार का मॉडलिंग करियर चल निकला। लेकिन अक्षय कुमार की किस्मत में तो कुछ और था और उन्हें बहुत आगे जाना था।
एक बार फिर अक्षय कुमार की किस्मत ने करवट ली जब उन्हें बॉलीवुड में काम करने का मौका मिला। अक्षय कुमार ने 1991 में आई ‘सौगंध’ फिल्म से अपना बॉलीवुड करियर शुरू किया। पहली फिल्म में अक्षय को काफी सराहा गया, लेकिन इस फिल्म से अक्षय कोई खास पहचान नहीं बना पाए। लेकिन 1992 में अक्षय कुमार की प्रदर्शित ‘खिलाड़ी’ फिल्म ने उनको रातों-रात सुपरस्टार बना दिया और वह बॉलीवुड में स्थापित हो गए फिर उन्होंने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा।
अक्षय कुमार ने अपने 26 साल के करियर में ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, मोहरा, खिलाड़ी, सबसे बड़ा खिलाड़ी, खिलाडिय़ों का खिलाड़ी, मिस्टर एंड मिसेज़ खिलाड़ी, इंटरनेशल खिलाड़ी, खिलाड़ी 420, दिल तो पागल है, संघर्ष, जानवर, हेराफेरी, धडक़न, अजनबी,आवारा पागल दीवाना, मुझसे शादी करोगी, गरम मसाला, एक रिश्ता, आंखें, बेवफा, वक्त, फिऱ हेरा फेरी, जान-ए-मन, भागम भाग, लहू के दो रंग, आन, खाकी, सैनिक, नमस्ते लंदन, रूस्तम, एयरलिफ्ट जैसी कई सुपरहिट फिल्में दी हैं।