बीजिंग। अरुणाचल प्रदेश के छह इलाकों के नाम बदले के अपने फैसले को चीन ने जायज ठहराया है। चीन ने इस मामले में भारत की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि अरूणाचल प्रदेश के छह स्थानों को मानकीकृत आधिकारिक नाम देना उसका कानूनी अधिकार है। वहीं उसने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने दलाई लामा कार्ड खेलना जारी रखता है तो उसे इसके लिए बहुत भारी कीमत चुकानी होगी।
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के छह इलाकों के नाम बदले के बाद शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा था कि अरुणाचल भारत का अभिन्न हिस्सा है और चीन के पास भारतीय इलाकों के नाम बदलने का अधिकार नहीं है।
भारत द्वारा अरूणाचल प्रदेश को अपना अभिन्न अंग बताने वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कि कहा कि भारत-चीन सीमा के पूर्वी हिस्से पर चीन की स्थिति स्पष्ट और एक समान है। उन्होंने कहा कि जातीय मोम्बा और तिब्बती चीनियों द्वारा प्रासंगिक नामों का इस्तेमाल किया जाता रहा है जो यहां पीढिय़ों से रहते हैं।
यह एक तथ्य है जिसे बदला नहीं जा सकता है। इन नामों को मानकीकृत करना और उनका प्रसार करना हमारे कानूनी अधिकार पर आधारित सही तरीका है। लु ने भारत के इस आरोप का भी विरोध किया कि चीन क्षेेत्र पर अपने क्षेत्रीय दावे को वैध साबित करने के लिए नामों को गढ़ रहा है।
भारत ने अरूणाचल प्रदेश के छह इलाकों को चीनी नाम देने को लेकर गुरुवार को चीन की आलोचना करते हुए कहा था कि पड़ोसियों के शहरों को गढ़े हुए नाम देने से अवैध क्षेत्रीय दावे वैध नहीं हो जाते। नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने यह भी कहा था कि अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।