राजनीति में आने से पहले से पहले जयललिता अभिनेत्री थीं। जयललिता को एक दबंग और ताकतवर नेता के तौर पर जाना जाता है। राजनीति में आने के बाद जयललिता 'अम्मा' नाम से मशहूर हो गयी। जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को मेलुकोट, कर्नाटक में हुआ था। उनका पूरा नाम जयललिता जयराम है। अम्मा 2015 से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री पद पर आसक्त हैं। इससे पहले वह 1991 से 1996, 2002 से 2006 और 2011 से 2014 तक मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है।
अभिनेत्री से राजनेता बनीं जयललिता के बारे में बहुत कम लोगों जानते है कि वो कभी अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थीं। फिल्म जगत में आना उनके लिए महज़ एक इत्तेफाक था।जयललिता पढ़ने में बहुत होशियार थी। स्कूल के दिनों में उन्हें सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार मिह था।और दसवीं की परीक्षा में उत्तीर्ण हो पूरे तमिलनाडु में दूसरा स्थान प्राप्त किया था।
गर्मियों की छुट्टियों के दौरान वो अपनी मां के साथ एक समारोह में पहुंची। जहां प्रोड्यूसर वीआर पुथुलू ने उन्हें अपनी फ़िल्म में काम करने का प्रस्ताव दिया। उनकी मां ने उनसे पूछा और उन्होंने हां कर दी। अपनी दूसरी ही फ़िल्म में जयललिता को उस समय तमिल फ़िल्मों के चोटी के अभिनेता एमजी रामचंद्रन के साथ काम करने का मौका मिला।
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जयललिता ने अपने फ़िल्मी करियर में कई भाषाओं की फिल्मों में काम किया है। उन्हें खासतौर से तमिल, तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों के लिए जाना जाता है, लेकिन साल 1968 में उन्होंने हिंदी फिल्म ‘इज्ज़त’ में भी काम किया है। इस फिल्म में धर्मेन्द्र ने उनके साथ मुख्य भूमिका अदा की थी।
जयललिता की गिनती साउथ सिनेमा की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेसेस में होती थी। उनके शानदार अभिनय के लिए उन्हें तीन बार फिल्मफेयर के बेस्ट एक्ट्रेस (साउथ) के अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। पहला फिल्मफेयर उन्हें शिवाजी गणेशन की तमिल फिल्म ‘पत्तिकादा पत्तानमा’ (1971) के लिए मिला था। इसी साल तेलुगु फिल्म ‘श्री कृष्ण सत्य’ के लिए उन्हें दूसरा फिल्मफेयर मिला। साल 1973 में तमिल फिल्म ‘सुर्यकंथी’ के लिए तीसरा फिल्मफेयर मिला था। 1980 के दशक में उनका फ़िल्मी करिअर थोड़ा धीमा हो गया। उनकी आखिरी फिल्म थी ‘नाधियाई ठेडी वन्धा कदल’ जिसके बाद वो राजनिती से में आ गयी।
कहा जाता है कि 1977 में तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामचंद्रन जयललिता को राजनीति में लेकर आए थे, लेकिन खुद जयललिता ने कभी इस को नहीं स्वीकार किया। 1982 में उन्होंने रामचंद्रन की पार्टी ऑल इंडिया अन्ना ड्रविड़ मुनेत्र कझगम (AIADMK) ज्वाइन कर ली। 1983 में उन्हें प्रचार समिति का सचिव बनाया गया और इसी साल वह पहली बार तिरुचेंदूर विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं।
जयललिता की धाराप्रवाह अंग्रेजी के कारण रामचंद्रन चाहते थे कि वे राज्यसभा में आएं। तब जयललिता 1984 से 1989 तक बतौर राज्यसभा सदस्य संसद में बनी रहीं। 1989 में जयललिता ने तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष की नेता के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाली और 24 जून को वे पहली बार राज्य की मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुईं।
राजनीति में लोहा मनवा चुकी जयललिता का शानदार था फिल्मी करियर
राजनैतिक जीवन के दौरान जयललिता पर सरकारी पूंजी के गबन, गैर कानूनी ढंग से भूमि अधिग्रहण और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे हैं। उन्हें ‘आय से अधिक संपत्ति’ के एक मामले में 27 सितम्बर 2014 को सजा भी हुई और मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा पर कर्णाटक उच्च न्यायालय ने 11 मई 2015 को बरी कर दिया जिसके बाद वो एक बार फिर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बन गयीं।
साल 1997 में सीएम जयललिता के जीवन पर एक तमिल फ़िल्म ’इरूवर’ बनी थी। बॉलीवुड की ख़ूबसूरत अदाकारा ऐश्वर्या राय बच्चन ने पर्दे पर जयललिता का रोल निभाया था। इस फ़िल्म का निर्देशन मणिरत्नम ने किया था। माना जाता है कि ये ऐश की पहली तमिल फ़िल्म थी। बहरहाल, लाखों फैन्स के साथ हम भी राजनीति में लोहा मनवाने वाली आइरन लेडी(जयललिता) की सलामती की दुआ करते हैं।
बरहाल तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता के लिए भावपूर्ण श्रद्धांजलि। बता दें उन्होंने सोमवार (05 दिसंबर 2016) देर रात 11.30 बजे अंतिम सांस ली। पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए राजाजी हॉल में रखा गया है। उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ रही है। उनका का अंतिम संस्कार आज शाम 4:30 बजे होगा। जयललिता जी का फिल्मों से लेकर राजनीति तक में योगदान इतिहास में हमेशा याद किया जायेगा।
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