surrogacy फादर बने करण पर अबु आजमी ने साधा निशाना, जानिए surrogacy के नियम और प्रक्रिया

Samachar Jagat | Tuesday, 07 Mar 2017 09:19:32 AM
Abu azmi made a target karan on becoming a surrogacy father

मुम्बई । हिन्दी फिल्मों के मशहूर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर करण जौहर हाल ही में सरोगेसी तकनीक के जरिए दो जुड़वा बच्चों के पिता (सिंगल पैरेंटस) बने हैं। जब से सोशल मीडिया पर करण ने इसकी जानकारी दी है उनको हर तरफ से बधाईयां मिल रही हैं। लेकिन राजनीतिक स्तर पर उनको विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। 

कुछ-कुछ होता है, मॉय नेम इस खान जैसी फिल्में बना चुके करण जौहर पर सरोगेसी से पिता बनने पर मुंबई के सपा नेता अबु आजमी ने कड़ी आलोचना की है। अबु  आजमी ने करण पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर आप बच्चा पैदा करने में सक्षम नहीं है या आपको कोई बीमारी है तो आप बच्चा गोद ले सकते हैं लेकिन सरोगेसी से बच्चा पैदा करने का क्या नाटक लगा रखा है।

आजमी ने कहा है कि दुनिया में शादी करना कोई पाप नहीं है, दुनिया में हर इंसान के लिए ऊपर वाले ने जोड़ा बनया है। जितने दुनिया में लडक़े हैं उतनी ही लड़कियां हैं, तो आप शादी करिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा मैं सरोगेसी कानून के बारे में नहीं जानता। मैं किसी का मजाक नहीं उड़ा रहा। लेकिन यह सब बकवास है। 

सुषमा स्वराज ने उठाया था एतराज

इससे पहले सुषमा स्वराज ने सरोगेसी पर कड़ा एतराज उठाया था। सुषमा स्वराज ने सरोगेसी को एक व्यसाय बनाने पर भी निशाना साधा था। खासकर उन्होंने फिल्मी सितारों पर भी निशाना साधा था। किसी सितारे का नाम लिए बिना उन्होंने कहा था कि जिनके (आमिर-शाहरूख) एक बेटा और एक बेटी हैं और अच्छे खासे बड़े हैं। फिर भी सरोगेसी का सहारा लेते हैं। 

सरोगेसी बिल पास, क्या है कानून में

सरोगेसी पर उठे कई विवाद के बाद हाल ही मोदी सरकार ने सरोगेसी को लेकर बिल पास कर दिया है। नए कानून सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2016 मुताबिक अविवाहित पुरुष या महिला, सिंगल, लिव इन में रह रहा जोड़ा और समलैंगिक जोड़े अब सरोगेसी के लिए आवेदन नहीं कर सकते। 

सरोगेसी मदर रिश्तेदार हो, व्यवसायिक नहीं

इसके साथ ही अब सिर्फ रिश्तेदार महिला ही सरोगेसी के जरिए मां बन सकती है। कैबिनेट से पास हुए बिल में व्यावसायिक सरोगेसी पर पूरी तरह बैन लगाने का प्रस्ताव है।  इसके साथ ही अब सिर्फ रिश्तेदार ही सेरोगेट मां बन सकती है। 

पहले से संतान वालों पर बैन

जिन माता-पिता के पहले से एक संतान है या उन्होंने एक संतान को गोद लिया है तो वे दूसरी संतान के लिए सरोगेसी का सहारा नहीं ले सकते। पांच साल से शादीशुदा जोड़े, जिनकी कोई संतान नहीं है वो ही सरोगेसी के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सिर्फ भारतीयों को इजाजत

अब सिर्फ भारतीय भारतीय नागरिक ही सरोगेसी के जरिए बच्चे को जन्म दे सकते हैं। नए कानून के मुताबिक सरोगेसी से बच्चा चाहने वाले भारतीय परिवार किसी विदेशी का सहारा नहीं ले सकेंगे।  

उम्र सीमा निर्धारित

सरोगेसी से बच्चा चाहने वाले पुरुष की उम्र 26-55 साल और महिला की उम्र 25-50 साल होगी तभी वे सरोगेसी के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

स्वस्थ होना जरूरी

अगर सरोगेसी के लिए आवेदन करने वाला जोड़ा किसी बिमारी से ग्रसित है तो वो आवेदन नहीं कर सकता। इसके साथ ही एक महिला सिर्फ एक बार ही सरोगेसी के जरिए बच्चे को जन्म दे सकती है। 

महिला का शादीशुदा होना जरूरी

सरोगेसी के जरिए बच्चे को जन्म दे जा रही महिला का शादीशुदा होना जरूरी है। इसके साथ ही वह पहले भी एक बच्चे को जन्म दे चुकी हो। 


नियमों का पालन नहीं किया तो होगी कड़ी सज़ा 

इसके अलावा सरोगेसी की सारी प्रक्रिया सरकार द्वारा रजिस्टर्ड क्लिनिक पर हो, अगर दंपत्ति सरोगेसी से बच्चा पैदा होने के बाद बच्चे को अपनाने से इंकार करती है तो उसके लिए 10 साल की सजा का प्रावधान है। सरोगेसी से पैदा होने वाले बच्चे को बायोलोजिकल बच्चे की तरह सामान्य अधिकार देने होंगे। सरोगेसी क्लिनिको के लिए भी सरकार ने कई नियम बनाए हैं, क्लिनिकों को 25 साल तक का रिकॉर्ड रखना होगा।

सरोगेसी क्लिनिकों का रजिस्ट्रेशन सरकारी रिकॉर्ड में होना जरूरी है। अगर कोई बिना लाइसेंस के सरोगेसी प्रक्रिया में दंपत्ति का सहयोग करता है उस क्लिनिक पर कानूनी कार्यवाही और सख्त सजा का प्रावधान है। 



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.