दिवाली अब बहुत ज्यादा दूर नहीं है। ऐसे में पूरा भारत अभी से रौशनी से जगमगाने लगा है। ये तो आप जानते ही हैं कि हमारे यहां दिवाली पर लोग अपने घरों को लाइट्स और दीयों से रौशन करते हैं और मिठाइयां खाकर इस पर्व को सेलिब्रेट करते हैं। पर शायद आप ये बात न जानते हों लेकिन सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में दिवाली को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
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सिर्फ दिवाली ही नहीं दिवाली की ही तरह कई देशों में लाईट फेस्टिवल या फायर फेस्टिवल मनाये जाते हैं। इन त्योहारों के पीछे भी हमारी दिवाली की ही तरह वहां की स्थानीय मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। आज आपको जानकारी देते हैं ऐसे ही कुछ देशों के बारे में, जहां दिवाली या इससे मिलते-जुलते ऐसे ही त्योहारों की खूब धूम रहती है...
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थाइलैंड:-
थाईलैंड में भी बिलकुल दीवाली जैसा ही एक त्योहार मनाया जाता है। यहां इसे 'लाम क्रियोंघ' के नाम से जानते है। इस त्योहार पर थाई लोग रात में केले की पत्तियों से बने दीपक और धूप को जलाते हैं और प्रार्थना भी करते हैं। दिवाली की तरह ही इस पर्व के अनुष्ठान में भी पैसा रखा जाता है। बाद में इन जलते हुए दीयों को नदी के पानी में बहा दिया जाता है।
ये कुछ-कुछ हमारे यहां दिवाली पर किये जाने वाले दीपदान जैसा ही होता है।
लेस्टर की दिवाली, ग्रेट ब्रिटेन:-
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वैसे तो आजकल काफी देशों में भारतीयों कि संख्या बढ़ गयी है, लेकिन दुनिया में भारत के बाद अगर कहीं दिवाली का जश्न बेहद धूम-धाम से मनाया जाता है तो वो है ग्रेट ब्रिटेन का लेस्टर शहर। जंगलों से घिरे इस शहर में दिवाली का जश्न वाकई देखने लायक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस शहर में भारत से आये हिंदू, सिख और जैन समुदाय के काफी लोग रहते हैं। लेकिन अब तो हर धर्म के लोग ही यहां हर साल दिवाली मनाने लगे हैं। भारत की तरह ही यहां पूरे शहर के लोग रात को अपना घर दीयों से सजाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। यहां भी लोग पार्क और स्ट्रीट में निकलकर पटाखे फोड़ते हैं और जमकर सेलिब्रेट करते हैं।
जापान:-
जापान में भी दिवाली से मिलता-जुलता त्योहार ‘ओनियो फेयर फेस्टिवल’ खूब धूम-धाम से मनाया जाता है। बता दें कि जनवरी में मनाया जाने वाला ओनियो फेस्टिवल जापान का सबसे पुराना फेस्टिवल भी है। जापान के फुकुओका में ये सबसे ज्यादा धूम-धाम से मनाया जाता है और दिवाली की तरह ही लोग मोमबत्तियों और मशालों के जरिए शहर को रोशन करते हैं। इस दौरान छह मशाल जलाई जाती हैं जो कि आपदा को खत्म करने के प्रतीक के रूप में होती है।
स्कॉटलैंड:-
हर साल जनवरी माह के आखिरी मंगलवार को स्कॉटलैंड के लेर्विक में भी दिवाली की ही तरह नाम का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व के पीछे की कथा भी दिवाली से बहुत मिलती-जुलती है। इस त्योहार में लोग प्राचीन समुद्री योद्धाओं जैसी ड्रेस पहने हाथ में मशाल लिए जुलूस निकालते हैं। इस दौरान पूरे शहर को रोशनी से सजाया जाता है।
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कनाडा:-
कनाडा के 'न्यूफाउंड लैंड' में भी 5 नवंबर को दिवाली की ही तरह एक रात ऐसी आती है जब प्रकाशपर्व मनाया जाता है। इस रात को शहर रोशनी से सजाया जाता है और लोग आतिशबाजी करके खुशियां मनाते हैं।
इसके पीछे कहानी है कि अंग्रेज और आयरिश लोग अच्छी जिंदगी की तलाश में कनाडा आकर बस गए थे और फिर यहीं रह गए। इसी दिन की याद में ये त्योहार मनाया जाता है। यहां भी लोग घरों को पेंट करते हैं और आग जलाकर रात में मस्ती करते हैं।
इंग्लैंड:-
इंग्लैंड में भी साल 1605 से एक ऐसा त्योहार मनाया जाता है जो दिवाली से काफी मेल खाता है। ये ब्रिटेन के लोगों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना भारतीयों के लिए दिवाली। इस दिन आधी रात होते ही ऑटरी सेंट मैरी शहर रोशनी से जगमगा उठता है।
ब्रिटेन में ये फायर फेस्टिवल हर साल 5 नवंबर को मनाया जाता है। इस दौरान लोग 17 फ्लैमिंग बैरल लेकर रोड पर मार्च करते हैं। यहां भी लोग दिवाली की ही तरह पटाखे जलाते हैं और होलिका जलाकर कर खुशियां मनाते हैं।
फ्लोरिडा:-
फ्लोरिडा के अल्टूना शहर में भी दिवाली की ही तरह मनाया जाने वाला 'सैमहेन' फेस्टिवल काफी मशहूर है। ये त्यौहार हर साल 31 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच दो दिनों तक मनाया जाता है। मान्यता है कि ये त्योहार भूतों के सम्मान में मनाया जाता है। इस दौरान यहां कई तरह के करतब भी दिखाए जाते हैं। इसे देखने पूरी दुनिया से पर्यटक यहां पहुंचते हैं।