पुण्यतिथि विशेष : फिल्मों में काम करने वाली पहली मिस इंडिया थी नूतन...

Samachar Jagat | Tuesday, 21 Feb 2017 07:02:01 AM
Nutan was the first Miss India work in film industry

मुंबई। आज के दौर में जहां मिस इंडिया का खिताब जीतने वाली सुंदरियों को फिल्मों में काम करने का मौका आसानी से मिल जाता है, वहीं नूतन को फिल्मों में काम पाने के लिये कड़ा संघर्ष करना पड़ा था। नूतन की पूण्यतिथि पर डालते है एक नजर उनके जीवन सफर पर। 

04 जून 1936 को मुंबई में जन्मी नूतन मूल नाम नूतन समर्थ को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनकी मां शोभना समर्थ जानी मानी फिल्म अभिनेत्री थी। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण नूतन अक्सर अपनी मां के साथ शूटिंग देखने जाया करती थी। इस वजह से उनका भी रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेत्री बनने के ख्वाब देखने लगी। नूतन ने बतौर बाल कलाकार फिल्म नल दमयंती से अपने सिने कैरियर की शुरूआत की।

इस बीच नूतन ने अखिल भारतीय सौंदर्य प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जिसमें वह प्रथम चुनी गयी लेकिन बॉलीवुड के किसी निर्माता का ध्यान उनकी ओर नही गया। नूतन को वर्ष 1950 में प्रदर्शित फिल्म हमारी बेटी में अभिनय करने का मौका मिला ।इस फिल्म का निर्देशन उनकी मां शोभना समर्थ ने किया।

इसके बाद नूतन ने हमलोग शीशम.नगीना और शवाब जैसी कुछ फिल्मों में अभिनय किया लेकिन इन फिल्मों से वह कुछ खास पहचान नहीं बना सकी। वर्ष 1955 में प्रदर्शित फिल्म सीमा से नूतन ने विद्राहिणी नायिका के सशक्त किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये नूतन को अपने सिने करियर का सर्वश्रेष्ठ फिल्म अभिनेत्री का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।

सुजाता बंदिनी और दिल ने फिर याद किया जैसी फिल्मों की कामयाबी के बाद नूतन ट्रेजडी क्वीन कही जाने लगी। अब उनपर यह आरोप लगने लगा कि वह केवल दर्द भरे अभिनय कर सकती हैं लेकिन छलिया और सूरत जैसी फिल्मों में अपने कॉमिक अभिनय कर नूतन ने अपने आलोचको का मुंह एक बार फिर से बंद कर दिया ।

वर्ष 1965 से 1969 तक नूतन ने दक्षिण भारत के निर्माताओं की फिल्मों के लिये काम किया ।इसमे ज्यादातर सामाजिक और पारिवारिक फिल्में थी ।इनमें गौरी.मेहरबान.खानदान.मिलन और भाई-बहन जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल है।

वर्ष 1968 में प्रदर्शित फिल्म सरस्वती चंद्र की अपार सफलता के बाद नूतन फिल्म इंडस्ट्री की नंबर वन नायिका के रूप मे स्थापित हो गयी1वर्ष 1973 में फिल्म सौदागार में नूतन ने एक बार फिर से अपने अविस्मरणीय अभिनय किया।

नूतन ने अपने सिने कैरियर में उस दौर के सभी दिग्गज अभिनेता के साथ अभिनय किया।राजकपूर के साथ फिल्म अनाड़ी में भोला -भाला प्यार हो या फिर अशोक कुमार के साथ फिल्म बंदिनी में संजीदा अभिनय या फिर पेइंग गेस्ट में देवानंद के साथ छैल..छबीला रोमांस हो नूतन हर अभिनेता के साथ उसी के रंग में रंग जाती थी।

अस्सी के दशक में नूतन ने चरित्र भूमिकायें निभानी शुरू कर दी और कई फिल्मों मे ..मां ..के किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया।इन फिल्मों मे मेरी जंग.नाम और कर्मा जैसी खास तौर पर उल्लेखनीय है। फिल्म मेरी जंग के लिये में अपने सशक्त अभिनय के लिये नूतन सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित की गयी।

फिल्म कर्मा में नूतन ने अभिनय सम्राट दिलीप कुमार के साथ काम किया ।इस फिल्म में नूतन पर फिल्माया यह गाना ..दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिये ..श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। नूतन की प्रतिभा केवल अभिनय तक ही नही सीमित थी वह गीत और गजल लिखने में भी काफी दिलचस्पी लिया करती थी।

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बतौर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री सर्वाधिक फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त करने का कीर्तिमान नूतन और काजोल के नाम संयुक्त रूप से दर्ज है।नूतन अपने सिने कैरियर में पांच बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

लगभग चार दशक तक अपने सशक्त अभिनय से दर्शको के बीच खास पहचान बनाने वाली यह महान अभिनेत्री 21 फरवरी 1991 को इस दुनिया को अलविदा कह गयी।– वार्ता



 

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