आज पूरा भारत देश स्वतंत्र है और इस स्वतंत्रता के पीछे देश कई नौजवानों ने अपना बलिदान दिया है। देश के हर नागरिक आज पूरी आजादी से जी रहे है और इस आजादी को दिलाने वाले देश के वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का आज यानी 23 मार्च को शहादत दिवस है।
आज ही के दिन इन महान देशभक्तों ने देश के लिए हँसते हँसते अपनी जान कुर्बान कर दी थी। 23 मार्च का दिन देश की आजादी के लिए अपना जीवन का बलिदान देने वाले वीरों के लिए जाना जाता है। जिसे पूरा देश हर्षोल्लास के साथ मनाता है।
आज ही के दिन भारत के इन तीन वीरो को अंग्रेजी सरकार ने फांसी के तख्ते पर लटका दिया था। 8 अप्रैल 1929 को चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में ‘पब्लिक सेफ्टी’ और ‘ट्रेड डिस्प्यूट बिल’ के विरोध में ‘सेंट्रल असेंबली’ में बम फेंका गया था।
जिसके बाद अंग्रेजी सरकार ने क्रांतिकारियों की गिरफ्तारी करना शुरू की थी। इसी सिलसिले में भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को 24 मार्च 1931 को फांसी की सजा दी जानी थी।
लेकिन पूरे देश में विरोध और क्रांतिकारियों के दबदबे के चलते अंग्रेजो ने तय दिन से एक दिन पहले ही 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को देर शाम फांसी दे दी। ये तीन वीर हँसते हँसते देश के लिए फांसी पर चढ़ कर अमर हो गए थे।
आज देश के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर किसी के दिल में कही ना कही भगत सिंह, राजदेव और भगतसिंह जिंदा है और हमेशा रहेंगे।