जानिए, बस कंडक्टर और कुली से सुपरस्टार रजनीकांत बनने तक का सफर..!

Samachar Jagat | Monday, 12 Dec 2016 09:58:06 AM
bus conductor and the porter to become superstar Rajinikanth

मुंबई। देश में फिल्म स्टार्स की फेहरिस्त में अपने नाम की अलग ही फहरिस्त बनाने वाले और अपना अलग ही मुकाम हासिल करने वाले रजनीकांत 66 वर्ष के हो चुके हैं। उम्र के इस मुकाम पर पहुंचकर भी रजनीकांत का जलवा कम नहीं हुआ है। अपने अनोखे अंदाज और बेहतरीन अभिनय से फिल्म जगत में अलग मुकाम हासिल कर चुके सुपरस्टार रजनीकांत एक ऐसा नाम है, जो सभी की जुबान और सिर चढक़र बोलता है।

उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है। रजनीकांत आज इतने बड़े सुपरस्टार होने के बावजूद जमीन से जुड़े हुए हैं। वह फिल्मों के बाहर असल जिंदगी में एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही दिखते हैं और उनके प्रशंसक उन्हें प्यार ही नहीं करते, बल्कि उन्हें पूजते हैं। उनका संघर्ष अपने आप में प्रेरणादायी है कि कैसे एक बढ़ई और बेंगलुरु परिवहन सेवा (बीटीएस) का एक मामूली बस कंडक्टर और कुली से सुपरस्टार बन गए। लेकिन इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत भी की। 

उनका जन्म 12 दिसंबर, 1950 को बेंगलुरु में हुआ। उनके बचपन का नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ एक हवलदार थे। मां जीजाबाई की मौत के बाद चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रजनीकांत को अहसास हुआ कि घर की माली हालत ठीक नहीं है। बाद में उन्होंने परिवार को सहारा देने के लिए कुली का भी काम किया। एक कंडक्टर के तौर पर भी उनका अंदाज निराला था या किसी फिल्मी सितारे से कम नहीं था। वह अलग तरह से टिकट काटने और सीटी मारने की अपनी शैली को लेकर यात्रियों और दूसरे बस कंडक्टरों के बीच मशहूर थे। 

कई मंचों पर नाटक करने के कारण फिल्मों और अभिनय के लिए शौक तो हमेशा से ही था और वही शौक धीरे-धीरे जुनून में तब्दील हो गया। इस वजह से उन्होंने अपना काम छोडक़र चेन्नै के अद्यार फिल्म इंस्टिट्यूट में दाखिला लिया।

वहां इंस्टिट्यूट में एक नाटक के दौरान मशहूर फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर की नजर रजनीकांत पर पड़ी और वह रजनीकांत से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने रजनीकांत को फिल्म का किरदार निभाने का प्रस्ताव दे डाला। इस तरह उनके करियर की शुरुआत बालाचंदर निर्देशित तमिल फिल्म अपूर्वा रागंगाल (1975) से हुई, जिसमें वह खलनायक बने। यह भूमिका यूं तो छोटी थी, लेकिन इसने उन्हें आगे और भूमिकाएं दिलाने में मदद की और वह के. बालाचंदर को अपना गुरु भी मानते हैं। इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था। 

रजनीकांत ने एथीरात कॉलेज की छात्रा लता से शादी की है। लता ने कॉलेज मैगजीन के लिए उनका इंटरव्यू लिया था। उन्होंने 26 फरवरी, 1981 को आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में सात फेरे लिए। आज उनकी दो बेटियां हैं, ऐश्वर्या रजनीकांत और सौंदर्या रजनीकांत और उनकी पत्नी द आश्रम नामक एक स्कूल चलाती हैं। बेटी ऐश्वर्या की शादी धनुष के साथ 18 नवंबर, 2004 को हुई थी। उनकी छोटी बेटी तमिल फिल्म उद्योग में निर्देशक, निर्माता और ग्राफिक डिजाइनर है। 3 सितंबर 2010 को वह उद्योगपति आश्विन रामकुमार के साथ शादी के बंधन में बंध गईं। 

उनका फिल्मी करियर उतार-चढ़ाव से भरा है। उन्होंने पर्दे पर पहले नकारात्मक भूमिका और खलनायकी से शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने अन्य भूमिकाएं निभाई और अंतत: उन्होंने ऐक्टर के तौर पर पहचान बनाई। करियर की शुरुआत में तमिल फिल्मों में खलनायक की भूमिकाएं निभाने के बाद वह धीरे-धीरे एक स्थापित ऐक्टर की तरह उभरे। तेलुगू फिल्म छिलाकाम्मा चेप्पिनडी (1975) में उन्हें मुख्य एक्टर की भूमिका मिली।

उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा। कुछ सालों में ही रजनीकांत तमिल सिनेमा के महान सितारे बन गए और तब से सिनेमा जगत में एक प्रतिमान बने हुए हैं। रजनीकांत ने अन्य देशों की फिल्मों में भी काम किया है, जिनमें अमेरिका की फिल्में भी शामिल हैं। बॉलिवुड में उन्होंने मेरी अदालत, जान जानी जनार्दन, भगवान दादा, दोस्ती दुश्मनी, इंसाफ कौन करेगा, असली नकली, हम, खून का कर्ज, क्रांतिकारी, अंधा कानून, चालबाज, इंसानियत का देवता जैसी हिंदी फिल्मों से एक खास मुकाम बनाया है।

वर्ष 2014 में रजनीकांत छह तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवॉड्र्स से नवाजे गए, जिनमें से चार बेस्ट एक्टर और दो स्पेशल अवॉड्र्स बेस्ट ऐक्टर के लिए मिले। साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 45वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (2014) में रजनीकांत को सेंटेनरी अवॉर्ड फॉर इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द इयर से सम्मानित किया गया।

हाल ही में फिल्म कबाली में नजर आ चुके सुपरस्टार रजनीकांत जल्द ही तमिल साइंस-फिक्शन फिल्म 2.0 में दिखाई देंगे जिसके अक्षय कुमार नकारात्मक भूमिका में दिखाई देंगे।

तमिल सिनेमा में जब भी रजनीकांत की बात आती है वहां के दर्शकों के सिर्फ उनके नाम से चेहरे खिल जाते हैं, इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि फैन उनसे किस हद तक प्यार करते हैं। जब उनकी नई फिल्म प्रदर्शित होती है, छह महीने पहले एडवांस शुरू हो जाती है और प्रदर्शन होने से 4 दिन पहले ही लोग कतार में टिकट में खड़े हो जाते हैं।

कई तो रजनीकांत का फस्र्ट डे-फस्ट शो देखकर अपने आपको धन्य मानते हैं और अपने इस रिकॉर्ड को कायम रखने के लिए कई जतन करते हैं। उनके फैंस उनके जन्मदिन या उनकी नई फिल्म के पोस्टर और उनके कट-आऊट को दूध से नहलाते हैं। 

जयललिता का अनोखा अंदाज दर्शकों के दिलों पर आज भी सिर चढक़र बोलता है। उनका चश्मा लगाने का अंदाज और सिगरेट मुंह में लगाने का अंदाज, जिसकी नकल आज भी लोग करते हैं। उनका एटीट्यूड ही दर्शकों के सिर पर चढक़र बोलता है। उनके नाम पर जो रिकॉर्ड बने हैं शायद ही कोई उसके इर्द-गिर्द कोई पहुंचे। सबसे ज्यादा फीस लेने का रिकॉर्ड भी हिंदुस्तान के इतिहास में उनके ही नाम है।

लेकिन उनकी सादगी देखकर उनके इतने बड़े स्टारडम का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। वो आज भी जमीन में बैठकर खाना खाते हैं। हिंदी फिल्मों के बड़े अभिनेता अमिताभ, शाहरूख, सलमान, आमिर जैसे स्टार्स भी उनसे समय-समय पर उनके इस स्टारडम का राज पूछते हैं और वो मुस्कुराकर रह जाते हैं। सलमान और आमिर तो रजनीकांत के साथ काम करने की चाहत रखते हैं लेकिन, यह संभव कब हो इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है। 

अमिताभ रजनीकांत के साथ हम फिल्म में काम कर चुके हैं। जबकि शाहरूख रॉवन में रजनीकांत के साथ काम कर चुके हैं। रॉवन में रजनीकांत एक सीन में गेस्ट अपीयरेंस दे चुके हैं। 

इस बार जन्मदिन पर उन्होंने अपने प्रशंसकों से गुजारिश की है कि जयललिता के निधन की वजह से इस बार उनका जन्मदिन न मनाया जाए।
रजनीकांत की लोकप्रियता और उनके किस्सों की बात करें तो कितनी किताबें लिखनी पड़ जाएं। फिलहाल तो हम रजनीकांत के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करते हैं और समाचार जगत परिवार की तरफ से उनको जन्मदिवस के अवसर पर ढेरो शुभकामनाएं देते हैं।
 



 
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