Happy Birthday : बॉलीवुड में किंग खान के रूप में पहचान बनायी शाहरूख ने

Samachar Jagat | Wednesday, 02 Nov 2016 08:31:45 AM
Birthday special shahrukh khan

मुंबई। छोटे पर्दे से अपने कैरियर की शुरूआत करके बालीवुड के सिंहासन तक पहुंचने वाले फिल्म अभिनेता शाहरूख खान आज भी सिने प्रेमियों के दिलों पर राज करते है।

फिल्म इंडस्ट्री में किंग खान के नाम से मशहूर शाहरूख का जन्म 02 नवम्बर 1965 को दिल्ली में हुआ था । उनके पिता ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हुये थे। अभिनय से जुडऩे और संचार की विभिन्न विधाओं को नजदीक से समझने के लिए उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ग्रहण की। वर्ष 1988 में शाहरूख ने बतौर अभिनेता छोटे पर्दे के धारावाहिक'फौजीÓसे अपने कैरियर की शुरूआत की।

वर्ष 1991 में अपने सपनो को साकार करने के लिये शाहरूख मुंबई आ गये। अजीज मिर्जा ने शाहरूख की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें अपने धारावाहिक 'सर्कस' में काम करने का मौका दे दिया। उन्हीं दिनो हेमा मालिनी को अपनी फिल्म दिल आशना है के लिये दिव्या भारती के अपोजिट नये चेहरे की तलाश थी। शाहरूख को जब इस बात का पता चला तो वह अपने दोस्तों की मदद से इस फिल्म के लिये स्क्रीन टेस्ट देने के लिये गये और चुन लिये गये।

इस बीच उन्हें फिल्म 'दीवाना' में काम करने का अवसर मिला। ऋषि कपूर जैसे मंझे हुये अभिनेता की मौजदूगी में भी शाहरूख ने अपने दमदार अभिनय से दर्शको को अपना दीवाना बना लिया जिसके लिये उन्हें फिल्म फेयर की ओर से उन्हें नये अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला।

इस बीच निर्देशक जोड़ी अब्बास-मस्तान की नजर शाहरूख पर पड़ी। उस समय वह अंग्रेजी के उपन्यास 'ए किस बिफोर डेथ' पर एक फिल्म बनाना चाह रहे थे। इस फिल्म में शाहरूख का किरदार ग्रे शेडस लिये हुये थे। उन्होंने इसे चुनौती के तौर पर लिया और इसके लिए हामी भर दी। वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म 'बाजीगर' सुपरहिट साबित हुयी और वह काफी हद तक इंडस्ट्री में पहचान बनाने में कामयाब हो गये।

वर्ष 1993 में ही शाहरूख को यश चोपड़ा की 'डर' में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके बोलने की शैली'क..क.. क ' किरण की सभी नकल करने लगे। वर्ष 1995 में शाहरूख को यश चोपड़ा की ही फिल्म 'दिलवाले दुल्हनियां ले जायेगे' में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने कैरियर के लिये मील का पत्थर साबित हुयी। शाहरूख के संजीदा अभिनय से फिल्म सुपरहिट साबित हुयी।

वर्ष 1999 में शाहरूख ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और अभिनेत्री जूही चावला के साथ मिलकर'ड्रीम्स अनलिमिटेड' बैनर की स्थापना की। इस बैनर के तहत सबसे पहले शाहरूख ने'फिर भी दिल है 'हिंदुस्तानी' का निर्माण किया। दुर्भाग्य से अच्छी पटकथा और अभिनय के बाद भी फिल्म टिकट खिड़की पर असफल हो गयी।

बाद में इसी बैनर तले शाहरूख ने अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म 'अशोका' बनायी लेकिन इसे भी दर्शकों ने बुरी तरह से नकार दिया। हालांकि उनके बैनर तले बनी तीसरी फिल्म 'चलते चलते' सुपरहिट साबित हुयी।

वर्ष 2004 में शाहरूख ने 'रेडचिली इंटरटेनमेंट' कंपनी का भी निर्माण किया और उसके बैनर तले 'मैं हूं ना' का निर्माण किया जो टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी। बाद मे इसके बैनर तले उन्होंने पहेली, काल, ओम शांति ओम, बिल्लू बार्बर , चेन्नई एक्सप्रेस , हैप्पी न्यू इयर और दिलवाले जैसी कई फिल्मों का भी निर्माण किया।

वर्ष 2007 शाहरूख के कैरियर का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ जब लंदन के सप्रसिद्ध म्यूजियम 'मैडम तुसाद' में उनकी मोम की प्रतिमा लगायी गयी। उसी साल शाहरूख खान ने एक बार फिर छोटे पर्दे की ओर रूख किया और स्टार प्लस के सुप्रसिद्ध शो 'कौन बनेगा करोड़पति' के तीसरे सीजन में होस्ट की भूमिका निभाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।

शाहरूख अपने सिने कैरियर में आठ बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से नवाजे जा चुके है।शाहरूख के सिने कैरियर में उनकी जोड़ी अभिनेत्री काजोल के साथ खूब जमी।

अपनी मेहनत और लगन के बलबूते शाहरूख अन्य अभिनेताओं से काफी दूर निकल चुके हैं और आज किसी फिल्म में उनका होना ही सफलता की गारंटी माना जाता है। इस वर्ष शाहरूख की फिल्म फैन प्रदर्शित हुयी है। उनकी आने वाली फिल्मों में डियर,रईस और द रिंग प्रमुख है।

 

 

एजेंसी 



 

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