Birthday Special : बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार थे राजेश खन्ना

Samachar Jagat | Thursday, 29 Dec 2016 09:03:55 AM
Birthday Special Bollywood superstar rajesh khanna

मुंबई। हिंदी  फिल्म जगत में अपने अभिनय से लोगों को दीवाना बनाने वाले अभिनेता तो कई हुये और दर्शकों ने उन्हें स्टार कलाकार माना लेकिन सत्तर के दशक में राजेश खन्ना पहले ऐसे अभिनेता के तौर पर अवतरित हुये जिन्हें दर्शकों ने सुपर स्टार की उपाधि दी। पंजाब के अमृतसर में 29 दिसंबर 1942 को जन्में जतिन खन्ना उर्फ राजेश खन्ना का बचपन के दिनों से ही रूझान फिल्मों की और था और वह अभिनेता बनना चाहते थे हांलाकि उनके पिता इस बात के सख्त खिलाफ थे ।

राजेश खन्ना अपने करियर के शुरूआती दौर में रंगमंच से जुड़े और बाद में यूनाईटेड प्रोड्यूसर ऐसोसियिशेन द्वारा आयोजित ऑल इंडिया टैलेंट कान्टेस्ट में उन्होंने भाग लिया। जिसमें वह प्रथम चुने गये ।राजेश खन्ना ने अपने सिने करियर की शुरूआत 1966 में चेतन आंनद की फिल्म आखिरी खत से की ।

वर्ष 1966 से 1969 तक राजेश खन्ना फिल्म इंडस्ट्री मे अपनी जगह बनाने के लिये संघर्ष करते रहे1राजेश खन्ना के अभिनय का सितारा निर्माता,निर्देशक शक्ति सामंत की क्लासिकल फिल्म अराधना से चमका। बेहतरीन गीतसंगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की गोल्डन जुबली कामयाबी ने राजेश खन्ना को स्टार के रूप में स्थापित कर दिया। फिल्म आराधना की सफलता के बाद अभिनेता राजेश खन्ना शक्ति सामंत के प्रिय अभिनेता बन गये। बाद में उन्होंने राजेश खन्ना को कई फिल्मों में काम करने का मौका दिया। इनमें कटी पतंग ,अमर प्रेम,अनुराग,अजनबी,अनुरोध और आवाज आदि शामिल है।

फिल्म अराधना की सफलता के बाद राजेश खन्ना की छवि रोमांटिक हीरो के रूप में बन गयी। इस फिल्म के बाद निर्माता निर्देशकों ने अधिकतर फिल्मों में उनकी रूमानी छवि को भुनाया । निर्माताओं ने उन्हें एक कहानी के नायक के तौर पर पेश किया। जो प्रेम प्रसंग पर आधारित फिल्में होती थी। सत्तर के दशक में राजेश खन्ना लोकप्रियता के शिखर पर जा पहुंचे और उन्हें हिंदी फिल्म जगत के पहले सुपरस्टार होने का गौरव प्राप्त हुआ। यूं तो उनके अभिनय के कायल सभी थे लेकिन खासतौर पर टीनएज लड़कियों के बीच उनका क्रेज कुछ ज्यादा ही दिखाई दिया।

नाराज़ शाहिद-कंगना, साथ में नहीं करेंगे रंगून का प्रमोशन!!

एक बार का वाकया है जब राजेश खन्ना बीमार पड़े तो दिल्ली के कॉलेज की कुछ लड़कियों ने उनके पोस्टर पर बर्फ की थैली रखकर उनकी सिकाई शुरू कर दी ताकि उनका बुखार जल्द उतर जाये।  कहा जाता है कि लड़कियां उनकी इस कदर दीवानी थी कि उन्हें अपने खून से प्रेम पत्र लिखा करती थी और उससे ही अपनी मांग भर लिया करती थी।

सत्तर के दशक में राजेश खन्ना पर यह आरोप लगने लगे कि वह केवल रूमानी भूमिका ही निभा सकते है। राजेश खन्ना को इस छवि से बाहर निकालने में निर्माता -निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी ने मदद की और उन्हें लेकर 1972 में फिल्म बावर्ची जैसी हास्य से भरपूर फिल्म का निर्माण किया और सबको आश्चर्यचकित कर दिया।

1972 में ही प्रदर्शित फिल्म आनंद में राजेश खन्ना के अभिनयका नया रंग देखने को मिला । ऋषिकेश मुखर्जी निदेर्शित इस फिल्म में राजेश खन्ना बिल्कुल नये अंदाज में देखे गये । फिल्म के एक ²श्य में राजेश खन्ना का बोला गया यह संवाद "बाबूमोशाय हम सब रंगमंच की कठपुतलियां है जिसकी डोर ऊपर वाले की उंगलियों से बंधी हुई है कौन कब किसकी डोर खिंच जाये ये कोई नही बता सकता " उन दिनों सिने दर्शको के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था और आज भी सिने दर्शक उसे नहीं भूल पाये ।

1969 से 1976 के बीच कामयाबी के सुनहरे दौर में राजेश खन्ना ने जिन फिल्मों में काम किया उनमें अधिकांश फिल्में हिट साबित हुयी लेकिन अमिताभ बच्चन के आगमन के बाद परदे पर रोमांस का जादू जगाने वाले इस अभिनेता से दर्शकों ने मुंह मोड़ लिया और उनकी फिल्में असफल होने लगी।

सलमान खान को स्वस्थ जीवन शैली है पसंद

अभिनय मे आयी एकरपता से बचने और स्वंय को चरित्र अभिनेता के रूप मे भी स्थापित करने के लिये और दर्शकों का प्यार फिर से पाने के लिये राजेश खन्ना ने अस्सी के दशक से खुद को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। इसमें 1980मे प्रदर्शित फिल्म रेडरोज खास तौर पर उल्लेखनीय है फिल्म में राजेश खन्ना ने नेगेटिव किरदार निभाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया । 1985 में प्रदर्शित फिल्म अलग अलग के जरिये राजेश खन्ना ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया। राजेश खन्ना के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेत्री मुमताज और शर्मिला टैगोर के साथ काफी पसंद की गयी। 

राजेश खन्ना को उनके सिने कैरियर में तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिल्मों में अनेक भूमिकाएं निभाने के बाद राजेश खन्ना समाज सेवा के लिए राजनीति में भी कदम रखा और वर्ष 1991 में कांग्रेस के टिकट पर नयी दिल्ली की लोकसभा सीट से चुने गए। राजेश खन्ना अपने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 125 फिल्मों में काम किया। अपने रोमांस के जादू से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले किंग आफ रोमांस 18 जुलाई 2012 को इस दुनिया कोअलविदा कह गये।

राजेश खन्ना अपने चार दशक लंबे सिने कैरियर में लगभग 125फिल्मों में काम किया1उनकी कुछ अन्य उल्लेखनीय फिल्में है दो रास्ते ,सच्चा झूठा,आन मिलो सजना ,अंदाज,दुश्मन ,अपना देश आप की कसम,प्रेम कहानी,सफर,दाग खामोशी,इत्तेफाक,महबूब की मेंहदी,मर्यादा,अंदाज,नमक हराम,रोटी,महबूबा, कुदरत,दर्द, राजपूतधर्मकांटा ,सौतन, अवतार, अगर तुम ना होते,आखिर क्यों, अमृत, स्वर्ग ,खुदाई ,आ अब लौट चले आदि।



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
रिलेटेड न्यूज़
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.