Birthday special: हिंदी फिल्म जगत के बागवान थे बी. आर. चोपड़ा

Samachar Jagat | Saturday, 22 Apr 2017 10:25:52 AM
B R Chopra Birthday special

मुंबई। भारतीय सिनेमा जगत में बी.आर.चोपड़ा को एक ऐसे फिल्मकार के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने पारिवारिक, सामाजिक और साफ सुथरी फिल्में बनाकर लगभग पांच दशक तक सिने प्रेमियों के दिल मेंअपनी खास पहचान बनाई।

जन्म :-

22 अप्रैल 1914 को पंजाब के लुधियाना शहर में जन्में बी आर चोपड़ा उर्फ बलदेव राय चोपड़ा बचपन के दिनों से ही फिल्मों में काम कर शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचना चाहते थे। बी आर चोपड़ा ने अंग्रेजी साहित्य में अपनी स्नातकोत्तर की शिक्षा लाहौर के मशहूर गवर्नमेंट कॉलेज में पूरी की।

फिल्म पत्रकार के रूप में की करियर की शुरुआत :-

बी.आर.चोपड़ा ने अपने करियर की शुरुआत बतौर फिल्म पत्रकार के रूप में की। फिल्मी पत्रिका सिने हेराल्ड में वह फिल्मों की समीक्षा लिखा करते थे। वर्ष 1949 में फिल्म करवट से उन्होंने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह असफल रही।

वर्ष 1951 में अशोक कुमार अभिनीत फिल्म अफसाना को बी.आर.चोपड़ा ने निर्देशित किया। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी सिल्वर जुबली (25 सप्ताह) पूरे किए। इस फिल्म की सफलता के साथ ही बी.आर. चोपड़ा फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए। वर्ष 1955 मे बी.आर.चोपडा ने बी.आर.फिल्मस बैनर का निर्माण किया।

फिल्म नया दौर से मिली सफलता :-

बी.आर.फिल्मस के बैनर तले उन्होंने सबसे पहले फिल्म नया दौर का निर्माण किया। फिल्म नया दौर के माध्यम से बी.आर.चोपडा ने आधुनिक युग और ग्रामीण संस्कृति के बीच टकराव को रूपहले पर्दे पर पेश किया जो दर्शकों को काफी पसंद आया। फिल्म नया दौर ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए।

बिना गानों के किया कानून फिल्म का निर्माण :-

बी.आर.चोपडा के बैनर तले निर्मित फिल्मों पर यदि एक नजर डाली जाए तो उनकी निर्मित फिल्में समाज को संदेश देने वाली होती थीं। बी.आर.चोपड़ा अपने दर्शको को हर बार कुछ नया देना चाहते थे। इसी को देखते हुए वर्ष 1960 में उन्होंने कानून जैसी प्रयोगात्मक फिल्म का निर्माण किया। यह फिल्म इंडस्ट्री में एक नया प्रयोग था जब फिल्म का निर्माण बगैर गानों के किया गया।

यश चोपड़ा का दिया साथ :-

अपने भाई और जाने माने निर्माता निर्देशक यश चोपड़ा को शोहरत की बुलंदियो पर पहुंचाने में बी.आर.चोपडा का अहम योगदान रहा है। धूल का फूल, वक्त और इत्तेफाक जैसी फिल्मों की सफलता के बाद ही यश चोपड़ा फिल्म इंडस्ट्री में निर्देशक के रूप में स्थापित हुए थे।

आशा भोंसले को कामयाबी के शिखर पर पहुंचाया :-

सुप्रसिद्ध पाश्र्वगायिका आशा भोंसले को कामयाबी के शिखर पर पहुंचाने में निर्माता..निर्देशक बी.आर.चोपड़ा की फिल्मों का अहम योगदान रहा है। पचास के दशक में आशा भोंसले को केवल बी और सी ग्रेड की फिल्मों मे ही गाने का मौका मिला करता था। बी.आर. चोपडा ने आशा भोंसले की प्रतिभा को पहचाना और अपनी फिल्म नया दौर में गाने का मौका दिया। यह फिल्म आशा भोंसले के सिने करियर की पहली सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में मोहम्मद रफी और आशा भोंसले के गाए युगल गीत बहुत लोकप्रिय हुए जिनमें मांग के साथ तुम्हारा, उड़े जब जब जुल्फें तेरी आदि गीत शामिल हैं। फिल्म नया दौर की कामयाबी के बाद ही आशा भोंसले को अपना सही मुकाम हासिल हुआ। इसके बाद बी.आर. चोपड़ा ने आशा को अपनी कई फिल्मों में गाने का मौका दिया। इन फिल्मों में वक्त, गुमराह, हमराज, आदमी और इंसान और धुंध प्रमुख हैं।

महेन्द्र कपूर को हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में किया स्थापित :-

आशा भोंसले के अलावा पाश्र्वगायक महेन्द्र कपूर को भी हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करनें में बी.आर.चोपडा की अहम भूमिका रही। अस्सी के दशक में स्वास्थ्य खराब रहने के कारण बी.आर.चोपड़ा ने फिल्म का निर्माण करना कुछ कम कर दिया।

दूरदर्शन पर भी बी.आर .चोपड़ा के सीरियल महाभारत ने मचाई धूम :-

वर्ष 1985 में बी.आर .चोपड़ा ने दर्शकों की नब्ज पहचानते हुए छोटे पर्दे की ओर भी रूख कर लिया । दूरदर्शन के इतिहास में अब तक के सबसे कामयाब सीरियल महाभारत के निर्माण का श्रेय भी बी.आर. चोपड़ा को ही जाता है। लगभग 96 प्रतिशत दर्शकों तक पहुंचने के साथ हीं इस सीरियल ने अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी दर्ज कराया।

दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित :-

बी.आर.चोपडा वर्ष1998 में हिन्दी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किए गए। इसके अलावा वर्ष 1960 में प्रदर्शित फिल्म कानून के लिए वह सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए।

एक अच्छे कहानीकार :-

बहुमुखी प्रतिभा के धनी बी.आर.चोपडा ने फिल्म निर्माण के अलावा बागवान और बाबुल फिल्म की कहानी भी लिखी। अपनी फिल्मों से दर्शको के बीच खास पहचान बनाने वाले बी.आर.चोपड़ा 5 नवंबर 2008 को इस दुनिया को अलविदा कह गए ।-एजेंसी

 



 

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