बॉलीवुड के मशहूर चरित्र अभिनेता अनुपम खेर ने अपनी अदाकारी से सबका दिल जीता है। उनकी अदाकारी का जलवा आज भी बरकरार है। सपोटिंग एक्टर के तौर पर वह किरदार में जान डाल देते हैं। अनुपम खेर का जन्म 7 मार्च 1955 को शिमला में हुआ था। इनके पिता पुष्कर नाथ एक कश्मीरी पंडित थे, वे पेशे से क्लर्क थे। अनुपम ने शिमला में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (एनएसडी) से स्नातक पूरी की।
अनुपम को एक्टिंग का चलता फिरता स्कूल भी कहा जाता है। अपने फिल्मी करियर की शुरुआत अनुपम खेर ने 1982 में ‘आगमन’ नामक फिल्म से की थी लेकिन 1984 में आई ‘सारांश’ उनकी पहली हिट फिल्म थी। खेर ने इस फिल्म से अपनी अदाकारी का लोहा मनवा दिया था।
सारांश फिल्म में अनुपम की चर्चा यूं भी हुई कि उन्होंने 28 साल की उम्र में सारांश में एक 60 वर्षीय वृद्ध का किरदार निभाया था। उनका यह किरदार देखकर हर कोई दंग रह गया। इस फिल्म से अनुपम की किस्मत ऐसी बदली कि उन्होंने फिर कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा, इस फिल्म के बाद अनुपम को ढेरों फिल्मों के ऑफर मिलने लग गए।
1985 में अनुपम खेर की शादी किरण खेर से हुई। अनुपम खेर को सारांश, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, खेल, डर के लिए फिल्म फेयर अवार्ड मिल चुका है।
अनुपम खेर की फिल्मों की फेहस्ति बहुत लंबी है, लेकिन हर फिल्म में उनके द्वारा निभाया किरदार यादगार है, गांधी पार्क, दस कहानियां, दिलरुबा, जाने भी दो यारों, गौरी, लागा चुनरी में दाग, चुप चुप के, खोसला का घोसला, शादी से पहले, अपना सपना मनी मनी, विवाह, उमर, आप की खातिर, प्रतीक्षा, जानेमन, हम जो कह ना पाए, पहेली, यारां नाल बहारां, क्या कूल हैं हम, एक अलग मौसम, कोई मेरे दिल से पूछे, शिकार, कहो ना प्यार है, हसीना मान जाएगी, बड़े मियां छोटे मियां, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, डर, नागिन, लुटेरे, बेटा, शोला और शबनम, त्रिनेत्र, खेल, नेहरू, दिल, नायक के पिता, निशानेबाज़ी, राम लखन, त्रिदेव, मेरे बाद, कर्मा, मिसाल, सारांश जैसी फिल्मों में उन्होंने यादगार भूमिका निभाई है।