मुंबई। बॉलीवुड में अभय देओल का नाम एक ऐसे अभिनेता के तौर पर लिया जाता है जिन्होंने अपने संजीदा अभिनय से दर्शकों के बीच खास पहचान बनाई है। 15 मार्च 1976 को जन्मे अभय देओल को अभिनय की कला विरासत में मिली। धर्मेन्द्र के परिवार से ताल्लुक रखने के कारण अभय देओल भी अभिनेता बनना चाहते थे।
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अभय देओल ने अपने करियर की शुरूआत वर्ष 2005 में प्रदर्शित इम्तियाज अली निर्देशित फिल्म ‘सोंचा ना था’ से की लेकिन दुर्भाग्य से फिल्म को टिकट खिडक़ी पर कोई खास सफलता नही मिल सकी।
वर्ष 2007 में अभय देओल की ‘हनीमून ट्रैवल्स प्रा.लिमिटेड’ प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म ने टिकट खिडक़ी पर औसत सफलता मिली। इसी वर्ष प्रदर्शित फिल्म एक चालीस की लास्ट लोकल में अपने संजीदा किरदार के जरिये अभय देओल ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद अभय की ‘देव डी’ और ‘ओये लकी लकी ओये’ जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी जिनमें उनके अभिनय को काफी पसंद किया गया।
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वर्ष 2011 में प्रदर्शित जोया अख्तर की फिल्म ‘जिंदगी ना मिलेगी दुबारा’ अभय देओल के करियर के लिये सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये अभय देओल सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित किये गये। इसके बाद अभय देओल की ‘चक्रव्यूह’ और ‘रांझना’ जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी जिसमें उन्होंने अपने संजीदा किरदार से दर्शकों का दिल जीत लिया।
वर्ष 2014 में प्रदर्शित फिल्म ‘वन बॉय टु’ के जरिये अभय देओल ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया। हालांकि यह फिल्म टिकट खिडक़ी पर कोई खास कमाल नही दिखा सकी।
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