सुकमा। सोमवार को नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों के करीब आधा दर्जन शवों के साथ में नक्सलियों द्वारा किया गया निर्मम मामला सामने आया है। नक्सलियों ने करीब आधा दर्जन शहीदों के गुप्तांग काट दिए।
सीआरपीएफ 74वीं बटालियन के जवानों को नक्सलियों ने एंबुश में फंसाकर अंधाधुंध फायरिंग की थी। 10 राउंड यूबीजीएल भी दागे गए, जिसमें 25 जवान शहीद और 6 घायल हुए हैं। हमले के बाद जब बैकअप पार्टी पहुंची तो इसी बीच नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम दिया।
जागरण डाट काम के मुताबिक इस बीच के पौने दो घंटे में महिला नक्सलियों ने धारदार हथियार से अंग काटने की वारदात को अंजाम दिया। बुरकापाल हमले में शामिल नक्सलियों में लगभग एक तिहाई महिला थीं, इसके चलते इस बात को और बल मिल रहा है।
उधर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और समीक्षा बैठक के बाद कहा कि सरकार अपनी रणनीति पर विचार करेगी। 8 मई को नक्सल प्रभावित राज्यों की दिल्ली में बैठक बुलाई गई है।
वर्ष 2007 में बीजापुर जिले के रानीबोदली में पुलिस कैंप पर हमले में 55 जवान और एसपीओ शहीद हुए थे। तब नक्सलियों ने धारदार हथियार से कुछ जवानों के सिर धड़ से अलग कर दिए थे। झीरम-2 नाम से चर्चित टाहकवाड़ा मुठभेड़ में शहीद जवानों के शवों को टंगिए और धारदार हथियारों से गोदा गया था।