नई दिल्ली। पुरूषों को महिलाओं से समानता का व्यवहार करना चाहिए न कि उन्हें वस्तु समझना चाहिए क्योंकि दोनों प्रतिद्वंद्वी नहीं है बल्कि एक-दूसरे के पूरक हैं। यह बात आज यहां आरएसएस की महिला शाखा की एक वरिष्ठ नेता ने कही।
राष्ट्रीय सेविका समिति की अखिल भारतीय अध्यक्ष शांता अक्का ने कहा, ''आज समाज में पुरूष-महिला संबंधों पर विचारों में अलगाव है। पुरूष और महिला एक-दूसरे की पूरक हैं, वे प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं। पुरूषों को महिलाओं को खुद से कमतर समझना, वस्तु समझना बंद करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समिति परम्परागत मूल्यों को बनाए रखने के पक्ष में है लेकिन समय के मुताबिक बदलाव अनिवार्य है।
भाषा