पुणे। नोटबंदी का असर अपराध जगत में दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद से ही चोरी की घटनाओं पर भी लगाम सी लग गई है। पुलिस प्रशासन के लिए यह राहत भरी खबर है। पुणे पुलिस के पास तो बीते 5 दिन में चोरी की शिकायत दर्ज नहीं हुई है। अपराध के आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक बीते कई महीनों से सभी 39 पुलिस थानों में घरों में सेंधमारी के रोज 5-6 मामले दर्ज होते थे।
पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में मौजूद क्राइम रजिस्टर के मुताबिक बीते पांच दिनों में पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में घरों में सेंधमारी की कोई वारदात नहीं हुई है। घरों में सेंधमारी की आखिरी वारदात भारती विद्यापीठ पुलिस थाने में 7 नवंबर की रात को दर्ज की गई थी। अंबेगांव पठार में रहने वाले संजय जाधव ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि अज्ञात लोग उनके अपार्टमेंट का ताला तोडक़र 75000 रुपये का कैश और जूलरी लूटकर भाग गए। भारती विद्याभवन पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इस मामले पर ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर सुनील रामनंद ने कहा कि पुलिस शहर में सेंधमारी की घटनाओं के रुकने के कारणों की जांच करेगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने नाइट पट्रोलिंग बढ़ाई है। पीएम मोदी के पुणे दौरे को देखते हुए पुलिस पिछले छह दिनों से बड़े स्तर पर अपराधियों की जांच कर रही है। पट्रोलिंग शहर में आपराधिक गतिविधियों पर काबू करने और शहर में शांति बनाए रखने के लिए की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दूसरी बात चोरी और घरों में सेंधमारी की वारदात में लिप्त रहने वाले लोगों में अब घबड़ाहट है। सामान्यत: चोरी किए गए पैसे का तुरंत उपयोग कर लिया जाता है।
मौजूदा समय में कैश ही नहीं है इसलिए संभव है कि इस कारण भी लोग घरों में सेंधमारी की वारदातों को अंजाम नहीं दे रहे हैं। अधिकारी ने कहा, संदिग्ध लोग इलेक्ट्रिक सामान और अन्य चीजें बाद में ठिकाने लगा सकते हैं। तत्काल ठिकाने लगाने के लिए हमेशा कैश की जरूरत पड़ती है। फिलहाल उन्होंने अपराध अंजान देने की योजना त्याग दी है क्योंकि अब लोगों के घरों में कैश ही नहीं है।