जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के दूसरे चरण के बाकी बचे कार्य बारिश से पहले पूरे हों, ताकि जल संग्रहण ढांचों में बारिश का पानी इकट्ठा हो सके।
राजे ने शनिवार को कलेक्टर-एसपी कांन्फ्रेंस के चौथे दिन मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण की कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए सुझाव दिया कि बाकी बचे काम जल्दी पूरे करने के लिए हो तो दो शिफ्ट में काम किया जाए।
उन्होंने कहा कि यह राजस्थान जैसे मरुप्रदेश को जल की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी अभियान है। सभी के सहयोग से निश्चय ही हम अपने लक्ष्य में कामयाब होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में जलक्रांति लाने वाला यह अभियान जनक्रांति भी बने। इस दिशा में उन्होंने स्वयं पहल करते हुए अभियान के दूसरे चरण के लिए अपना एक माह का वेतन देने की घोषणा की।
राजे की इस पहल के बाद राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्यों एवं संसदीय सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों तथा जिला कलक्टरों की ओर से, पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने कांस्टेबल से लेकर डीजीपी स्तर तक के कर्मियों की ओर से, पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुदर्शन सेठी ने विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के तथा वन विभाग के अधिकारियों ने भी विभागीय कार्मिको की ओर से अपना एक एक दिन का वेतन अभियान के लिए देने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि एमजेएसए प्रथम चरण की सफलता का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह अभियान चलाया गया वहां टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति में करीब 57 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2016 की गर्मियों में जिन गांवों मं 1551 टैंकर्स की आपूर्ति की गई, इस बार गर्मी के सीजन में उन गांवों में सिर्फ 674 टैंकर्स की ही जरूरत पडी।
राजे ने कहा कि गैर-मरुस्थलीय 23 जिलों के उन क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ा है जो एमजेएसए प्रथम चरण का हिस्सा रहे थे। दूसरे चरण के जिन जिलो में कार्य शुरू नहीं हो पाए है वहां कलेक्टर पूरे प्रयासों के साथ जुट जाएं जाकि समय पर गुणवत्ता के साथ कार्य पूरा हो सके। जिन कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हो पाई है उनके लिए तुरंत वित्तीय स्वीकृति जारी की जाए।
उन्होंने 5 से 9 जून तक मनाए जाने वाले जल स्वावलम्बन सप्ताह में प्रभारी मंत्रियों को जिलों के दौरा करने, सभी जन प्रतिनिधियों से भागीदारी करने एवं श्रमदान, रैली, सभा, दानदाताओं का सम्मान जैसे कार्यक्रमों से आम जनता से अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने को कहा।
इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने कहा कि प्रदेश के 66 शहरों में 1324 चिन्हित स्थानों पर एमजेएसए के कार्य होंगे जिनमें से 1124 के कार्यादेश जारी हो गए है। पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड ने कहा कि पहले चरण में बनाए गए 96 हजार से अधिक ढांचे मानसून में भर गए थे।
राजस्थान रिवर बेसिन अथॉरिटी के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे ने कहा कि यह अभियान सभी विभागों की कन्वजे•स का एक सफल उदाहरण है। उन्होंने जियो टैगिंग, मोबाइल एप्लीकेशन, जीआईएस मैपिंग आदि के जरिए कार्यों की निगरानी पर जोर दिया।