लखनऊ। उत्तर प्रदेश इस समय नकल के मामलों में खास चर्चा में बना हुआ है। यहां पर 16 मार्च से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। जिसमें नकल के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत हासिल कर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई। इसके बाद यही कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार उत्तरप्रदेश बोर्ड की परीक्षा में कोई धांधली नहीं होगी, लेकिन योगी के राज में भी प्रदेश में धड़ल्ले से नकल हो रही है। इस मामले में प्रदेश अब बिहार को भी पीछे छोड़ रहा है।
प्रदेश में पूर्वांचल के देवरिया, बलिया, गाजीपुर, भदोही और मथुरा से सबसे ज्यादा नकल के मामले सामने आ रहे हैं। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल के गोरखपुर से सांसद बने थे। योगी के 19 मार्च को शपथ ग्रहण के बाद से अब तक जितनी भी परीक्षाएं हुई हैं, उनमें नकल माफिया धड़ल्ले से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।
प्रशासन भी लापरवाही पूर्ण कार्य कर इसे रोकने में असफल रहा है। मथुरा में तो मामला ओर भी पेचिदा बना हुआ है। यहां पर तो ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में नकल माफियाओं ने शिक्षा विभाग को ही खिलौना बना रहा है। यहां की स्कूलों में नकल माफिया खुले आम विद्यार्थियों को नकल करवा रहे हैं।
मथुरा जिले के राया थाना क्षेत्र के फूलचन्द मुरलीघर अग्रवाल उच्चतर माध्यमिक विधालय गुडेरा में भी नकल का मामला सामने आया है। जिले में नकल माफिया जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग पर पूरी तरह अपनी पकड़ बना रखी है। वह खुले आम विद्यार्थियों से नकल करवाने के लिए दस से पन्द्रह हजार रुपए तक वसूल रहे हैं। इससे पहले बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने से पहले देवरिया जिला प्रशासन ने नकलविहीन परीक्षा करवाने के बड़े-बड़े दावे किए थे। जो फेल साबित हो रहे हैं।