नई दिल्ली। जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने गुरुवार को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर देशभर के विश्वविद्यालय परिसरों को ‘प्रयोगशालाओं’ में बदलने का आरोप लगाया और कहा कि इससे राष्ट्रवाद और ‘आजादी’ या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे भावनात्मक मुद्दों के बारे में बहस की शुरूआत होगी, जिसके अप्रत्याशित परिणााम सामने आएंगे।
यादव ने यहां यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि यह एक खतरनाक खेल है। इस देश और लोगों को राष्ट्रवाद या आजादी या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में कभी कोई संशय नहीं है। उन्होंने गृह राज्य राज्य मंत्री किरेन रिजिजू की भी आलोचना की और कहा कि यह बहुत ही बेतुका है कि देश के गृह राज्य मंत्री को कॉलेज की एक छात्रा के बयानों पर टिप्पणी व्यक्त करनी पड़ी।
रिजिजू द्वारा गुरमेहर कौर के खिलाफ किए गए ट्वीट वायरल होने के बाद काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई है। यादव ने कहा कि क्या देश इतना असुरक्षित हो गया है कि केन्द्र सरकार में गृह राज्य मंत्री को छात्रों के बयानों पर प्रतिक्रिया देनी पड़े।
उन्होंने दो छात्र गुटों के बीच रामजस कॉलेज में हुए संघर्ष को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि पिछले ढ़ाई वर्षों में मोदी सरकार विश्वविद्यालयों में एक के बाद एक प्रयोग कर रही है। यह एक तरीका है। उन्होंने ऐसा जेएनयू में किया और हैदराबाद में भी किया।