जयपुर। राजस्थान में दिव्यांगों को पहचान देने के लिये यूनिक आईडी बनायी जायेगी जिससे सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का देश में कहीं भी लाभ उठाया जा सकेगा।
यह जानकारी राजस्थान के सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी ने आज यहां अन्तराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय पुरस्कार एवं सम्मान समारोह में दी। उन्होंने कहा कि इसके लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर प्रत्येक शुक्रवार को शिविर लगाकर दिव्यांगजनों की पहचान कर पंजीयन किया जा रहा है। जिससे उनकी जरूरत के अनुसार लाभ पहुंचाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि जयपुर में 100 सरकारी भवनों को दिव्यांगजनों के लिए बाधामुक्त वातावरण बनाने के लिए चयन किया गया है। जिसमे से 48 भवनों का ऑडिट कर 37 करोड़ रूपये के प्रस्ताव भारत सरकार को भिजवा दिये गये है। इसी प्रकार दिव्यांगजनों को दिये जाने वाली सहायता को सात से बढ़ाकर बारह हजार रूपये किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनो की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है जिसमें 15 मुख्य विभागों एवं दिव्यांगजन संघर्ष समिति के पांच प्रतिनिधियों को शामिल किया गया हैं। कमेटी हर तीन माह में बैठक कर उनकी समस्या एवं उनके कल्याण के लिए समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की समस्याओं को सुनने के लिए उचित फोरम पर सरकार हमेशा तैयार है।