अलवर। राजस्थान के अलवर जिले में संक्रमित ब्लड चढ़ाने हुई मौतों के मामले में दो अस्पतालों और एक ब्लड बैंक के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। जानाकरी के अनुसार शनिवार को एक व्यक्ति ने थाने में पहुंचकर सेठ माखनलाल चेरिटेबल ब्लड बैंक और सोलंकी अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही बरतने का मामला दर्ज कराया है।
इससे पहले सपरा हॉस्पिटल के खिलाफ भी ऐसा ही मामला दर्ज हुआ है। शनिवार को कटोरीवाला तिबारा निवासी अजय कालरा की ओर से दर्ज कराए गए मामले में बताया गया है कि उसकी गर्भवती पत्नी सोनिया को 5 फरवरी को डिलीवरी के लिए राजकीय जनाना अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां 6 फरवरी को ऑपरेशन से बच्ची का जन्म हुआ और 12 फरवरी को जनाना अस्पताल से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। लेकिन 19 फरवरी को सोनिया की तबीयत थोड़ी खराब होने पर उसे सोलंकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां ब्लड चढ़ाने की सलाह दी।
इसके बाद ब्लड बैंक से खून डोनेट कर 3 यूनिट खून लेकर सोलंकी अस्पताल गया। लेकिन सोलंकी हॉस्पिटल ने उक्त खून की बिना जांच कराए ही सोनिया को चढ़ा दिया। खून चढऩे के बाद उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जबकि डॉक्टर उसकी तबीयत ठीक बताते रहे। लेकिन जब सोनिया की हालत गंभीर हुए तो डॉक्टरों ने उसे जयपुर रैफर कर दिया। वहीं जयपुर ले जाते समय सोनिया की रास्ते में ही मौत हो गई। वही इस मामले में शनिवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने तीन अस्पतालों में पहुंचकर मरीजों का रिकॉर्ड की जांच की। इन अस्पतालों में ही संक्रमित रक्त चढ़ाने से मौते होने की बात सामने आई है।
पांच दिनों में हुई थी आठ मौते : जानकारी के अनुसार अलवर जिले के विभिन्न अस्पतालों में संक्रमित रक्त चढ़ाने के कारण पिछले पांच दिनों में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इन मौतों का कारण संक्रमित रक्त चढ़ाने को बताया जा रहा है। वहीं मामले को लेकर एक जांच कमेटी भी गठित की गई थी।
इस जांच कमेटी ने इन मौतों के मामले के बाद सेठ माखनलाल चेरिटेबल ब्लड बैंक को किसी को भी रक्त देने से मना कर दिया था। वहीं कमेटी की ओर से संक्रमित रक्त के नमूने जयपुर के संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल में भेजे गए थे। लेकिन अभी तक नमूनों की जांच नहीं हो पाई है।