दौसा। सरिस्का सेंच्यूरी की शोभा बढ़ाने वाले बाघ एसटी-13 की जान इन दिनों खतरे में है। एसटी-13 सरिस्का से अरावली पर्वत माला पार करते हुए दौसा जिले के वन क्षेत्र एवं राजस्व क्षेत्र की तरफ आ गया है। दौसा में तीन जगहों पर अब तक बाघ के पगमार्क मिल चुके हैं। ऐसे में सरिस्का ट्रेकिंग टीम और दौसा वन विभाग की टीम लगातार बाघ की तलाश कर रही है लेकिन अभी तक बाघ का पता नहीं लग सका है।
राजस्व क्षेत्र या आबादी क्षेत्र में पगमार्क मिलने से एसटी-13 की जान को खतरा पैदा हो गया है। ऐसे में वन विभाग भी लोगों से बाघ दिखने पर वन विभाग की टीम को सूचना देने की अपील कर रहा है। अलवर के सरिस्का अभयारण्य में कुल 14 बाघ हैं। इनमें से एसटी-13 कई दिनों से लापता है।
बाघ एसटी-13 ने अलवर के बीगोता गांव से होकर दौसा के मुही गांव में प्रवेश कर लिया। इसके बाद उसका मूवमेंट भांवता, कुण्डल, कोलेश्वर, दुडकी और चौबडीवाला गांवों में है। कोलेश्वर के ग्रामीणों की माने तो उन्होंने एसटी-13 को इलाके में देखा है ऐसे में यह बाघ एवं ग्रामीण दोनों के लिए खतरे की बात है। क्षेत्र के लोग भी भयभीत है।
इधर, लगातार दौसा के आधा दर्जन गांवों में बाघ की लोकेशन मिलने से सरिस्का प्रशासन इस क्षेत्र में सीसीटीवी लगाने की तैयारी कर रहा है, जिससे बाघ का तत्काल पता लगाया जा सके। उपवन संरक्षक पी एम सेवदा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से दौसा जिले के गांव में बाघ के पगमार्क मिल रहे हैं यदि इसी तरह बाघ का मूवमेंट इस क्षेत्र में रहा तो सीसीटीवी लगा कर ट्रेकिंग की जाएगी। राजस्व क्षेत्र में बाघ होने के संकेत मिलना बाघ एसटी-13 के लिए खतरा पैदा कर सकता है।